क्या मध्य प्रदेश में एसआईआर के तहत मतदाता सूची से 42 लाख नाम हटाए जाएंगे?

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क्या मध्य प्रदेश में एसआईआर के तहत मतदाता सूची से 42 लाख नाम हटाए जाएंगे?

सारांश

मध्य प्रदेश में एसआईआर अभियान के अंतर्गत 42 लाख मतदाता नामों को हटाने की संभावना है। क्या यह आंकड़ा सही साबित होगा? जानिए इस प्रक्रिया के हर पहलू के बारे में।

Key Takeaways

  • एसआईआर प्रक्रिया के अंतर्गत 42 लाख नामों को हटाने की संभावना है।
  • मतदाता सूची में पंजीकरण की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है।
  • राजनीतिक विरोध का सामना करना लोकतंत्र की विशेषता है।
  • भविष्य में मतदान प्रक्रिया को सुधारने की आवश्यकता है।
  • यह प्रक्रिया मतदाता जागरूकता को बढ़ावा दे सकती है।

भोपाल, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में पिछले डेढ़ महीने से ज्यादा समय तक घर-घर जाकर चलाए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान का कार्य समाप्त हो गया है। अब भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) मंगलवार को राज्य की मतदाता सूची का प्रारूप जारी करेगा। चुनाव अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन कार्यालय (सीईओ) के आधिकारिक सूत्रों ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि प्रारंभिक आकलन से यह स्पष्ट हुआ है कि लगभग 41.8 लाख मतदाताओं (कुल मतदाताओं का लगभग 7.2 प्रतिशत) के नाम एसआईआर से हटाए जाने की संभावना है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि चिह्नित 41.8 लाख नामों में से 8.4 लाख मतदाता मृत पाए गए, 8.4 लाख अनुपस्थित दर्ज किए गए, 22.5 लाख अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो गए, और 2.5 लाख एकाधिक पतों पर पंजीकृत थे।

भोपाल में कुल पंजीकृत 21.25 लाख मतदाताओं में से लगभग 4.3 लाख नाम प्रारूप मतदाता सूची से हटाए जाने की संभावना है।

इंदौर में 28.67 लाख मतदाताओं में से 4.4 लाख नाम चिह्नित किए गए हैं। ग्वालियर में 16.49 लाख मतदाताओं में से 2.5 लाख नाम हटाए जा सकते हैं और जबलपुर में 19.25 लाख मतदाताओं में से 2.4 लाख नाम हटाए जाने की संभावना है।

एक अधिकारी ने बताया कि ये सभी आंकड़े केवल एक अनुमान हैं, और हटाए गए मतदाताओं की सही संख्या मंगलवार को चुनाव आयोग द्वारा अंतिम चुनावी मसौदा प्रकाशित होने के बाद ही पता चलेगी।

4 नवंबर से 65,000 से अधिक बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को घर-घर जाकर मतदाताओं की सत्यापन प्रक्रिया का कार्य सौंपा गया था, जबकि मध्य प्रदेश में 2023 में 6.65 करोड़ से अधिक मतदाताओं का पंजीकरण हुआ था।

मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें और 29 लोकसभा क्षेत्र हैं, जो 55 जिलों में फैले हुए हैं। इन जिलों को भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, चंबल, नर्मदापुरम, रीवा, सागर, शाहडोल और उज्जैन जैसे 10 मंडलों में विभाजित किया गया है।

राज्य में 4 नवंबर से शुरू हुई मतदाता सूची सत्यापन प्रक्रिया (एसआईआर) के तहत मतदाताओं के विवरण की पुष्टि के लिए 65,000 से अधिक बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) ने शहरों, कस्बों और गांवों में घर-घर जाकर निरीक्षण किया।

गौरतलब है कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान मध्य प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने चुनाव आयोग के कदमों का लगातार विरोध किया और राजनीतिक आरोप लगाते हुए इसकी आलोचना की।

सोमवार को राज्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने भोपाल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से मुलाकात कर एसआईआर प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया।

-राष्ट्र प्रेस

एमएस/डीकेपी

Point of View

विपक्ष का विरोध भी महत्वपूर्ण है। यह एक लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत आवश्यक है कि हर कदम पारदर्शी और निष्पक्ष हो।
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22/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या एसआईआर प्रक्रिया के दौरान नाम हटाने की सही संख्या ज्ञात है?
नहीं, सही संख्या का पता तब चलेगा जब चुनाव आयोग मंगलवार को अंतिम चुनावी मसौदा प्रकाशित करेगा।
मध्य प्रदेश में कुल कितने मतदाता हैं?
मध्य प्रदेश में 2023 में 6.65 करोड़ से अधिक मतदाता पंजीकृत हैं।
क्या एसआईआर प्रक्रिया में किसी ने विरोध किया है?
हाँ, कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग के कदमों का विरोध किया है।
मतदाता सूची सत्यापन के लिए कितने अधिकारियों को नियुक्त किया गया था?
मतदाता सूची सत्यापन के लिए 65,000 से अधिक बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को नियुक्त किया गया था।
मध्य प्रदेश में विधानसभा सीटों की संख्या कितनी है?
मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं।
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