क्या महागठबंधन की घोषणाएं हार की स्वीकारोक्ति हैं, एनडीए सरकार तय? : शिवराज सिंह चौहान
सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन की घोषणाएं चुनावी दबाव का संकेत हैं।
- शिवराज सिंह चौहान का बयान महत्वपूर्ण है।
- एनडीए की जीत का असर महागठबंधन पर है।
- जनता वादों की सत्यता को समझ रही है।
- राजनीति में राजद और कांग्रेस का प्रभाव कम हो रहा है।
पटना, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है। इस दौरान महागठबंधन की ओर से कई आकर्षक वादे किए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने महागठबंधन पर तीखा हमला करते हुए कहा कि एनडीए की जीत को देखते हुए तेजस्वी यादव नए वादे कर रहे हैं, जो उनकी हार की स्वीकृति है।
शिवराज ने कहा कि पटना का रोड शो केवल भाजपा ने नहीं देखा, बल्कि महागठबंधन के नेता भी इसे देख चुके हैं। इसलिए महागठबंधन ने जल्दबाजी में नए वादों की घोषणाएं करने की आवश्यकता महसूस की।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेता अब महिलाओं के खातों में पैसे डालने का वादा कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें समझ आ गया है कि वे विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारने वाले हैं। ये घोषणाएं उनकी हार की स्वीकृति हैं। बिहार का माहौल एनडीए और मोदीमय है।
तेजस्वी यादव द्वारा फसलों की एमएसपी पर अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवराज ने कहा कि तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि पिछले 15 वर्षों में उन्होंने कितना बोनस दिया और कितनी खरीद की? अब चुनाव प्रचार के अंतिम दिन इस तरह की घोषणाएं केवल घबराहट और बौखलाहट का नतीजा हैं। जनता जानती है कि उनके वादों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। लोग उनके 20 दिन में नौकरी देने के वादे पर भी मजाक कर रहे हैं—‘हमरे बबुआ बेईमान, हमें पटियाने आए हैं।’
शिवराज ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी चुनाव प्रचार करने के बजाय मछलियां पकड़ रहे हैं। उनकी भाषा ऐसी है कि लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या ऐसे व्यक्ति को नेता प्रतिपक्ष होना चाहिए? नेता प्रतिपक्ष देश का मान होता है, लेकिन वह विदेश जाकर देश की बुराई करते हैं।
उन्होंने देश के कई राज्यों में शुद्ध मतदाता सूची (एसआईआर) के मुद्दे पर चुनाव आयोग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शुद्ध मतदाता सूची न केवल निष्पक्ष चुनाव की गारंटी देती है, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। हमारा देश धर्मशाला नहीं है कि कोई भी आकर बस जाए। हर व्यक्ति को यह प्रमाणित करना होगा कि वह भारत का नागरिक है। अगर कोई घुसपैठिया है तो उसे देश से बाहर निकाला जाएगा।