क्या मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान सच में शर्मनाक और आपत्तिजनक है? : अजय आलोक

सारांश
Key Takeaways
- मल्लिकार्जुन खड़गे का विवादास्पद बयान राजनीतिक हलचल का कारण बना।
- भाजपा नेताओं ने खड़गे की भाषा को आपत्तिजनक और शर्मनाक बताया।
- कांग्रेस ने लोकतंत्र और संविधान की बात करते हुए अपनी ऐतिहासिक गलतियों पर विचार करना चाहिए।
- भाजपा के नेताओं ने खड़गे के बयान पर सख्त प्रतिक्रिया दी।
- राजनीतिक बयानों की गंभीरता को समझना आवश्यक है।
पटना, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा दिए गए एक विवादास्पद बयान ने राजनीतिक क्षेत्र में आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने खड़गे के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा के नेताओं ने खड़गे की भाषा को आपत्तिजनक और शर्मनाक बताते हुए उन पर हमला किया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय आलोक ने खड़गे के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "खड़गे की भाषा और विचारधारा उनकी उम्र से कहीं आगे निकल गई है। उन्हें पहले अपनी पार्टी में उन दलित नेताओं को समझाना चाहिए, जो कहते हैं कि मैं 82 साल की उम्र में राहुल गांधी का खड़गे नहीं बनना चाहता। हमें तो यह भी नहीं पता कि वह खड़गे बनकर किसके लिए खड़े हैं। एक बुजुर्ग व्यक्ति की ऐसी भाषा पर मुझे क्या कहना चाहिए? इस पर प्रतिक्रिया देना मेरे संस्कारों के अनुकूल नहीं है।"
इसी बीच, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव ऋतुराज सिन्हा ने भी खड़गे के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "किसी भी नेता की पहचान उसकी भाषा से होती है। मल्लिकार्जुन खड़गे एक वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया, वह न केवल आपत्तिजनक है, बल्कि शर्मनाक भी है।"
ऋतुराज सिन्हा ने यह भी सवाल उठाया कि क्या गांधी और नेहरू की विचारधारा वाली कांग्रेस इस तरह की भाषा को स्वीकार करेगी। उन्होंने कहा, "मेरे इन सवालों का जवाब खड़गे जैसे नेताओं को देना चाहिए।"
वहीं, मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने खड़गे के बयान को अस्वीकृत बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने संविधान और लोकतंत्र की हत्या की है, किसी और ने नहीं। कांग्रेस को लोकतंत्र और संविधान की बात करते हुए शर्म आनी चाहिए। 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को कुचल दिया था। कांग्रेस आज मुद्दाविहीन है, इसलिए वह बेबुनियाद और भ्रामक आरोप लगा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश में लोकतंत्र और संविधान को और अधिक सुदृढ़ किया है। जनता का विश्वास भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर है।