क्या मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं? प्रवीण खंडेलवाल

सारांश
Key Takeaways
- मणिशंकर अय्यर के बयान पर भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया।
- पाकिस्तान की संलिप्तता को नकारना विवादास्पद।
- सनातन धर्म का अपमान करना गलत।
- मालेगांव बम धमाके की सच्चाई सामने आई।
- राजनीतिक बयानों में सतर्कता आवश्यक।
नई दिल्ली, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में दिए गए विवादास्पद बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि उनका बयान स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की भाषा में है। अय्यर ने यह दावा किया था कि इस हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता का कोई ठोस सबूत नहीं है और 33 देशों के प्रतिनिधिमंडलों, जिसमें कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी शामिल थे, ने भी पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि अय्यर का बयान पाकिस्तान की भाषा बोलने जैसा है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी नेता पाकिस्तान के इशारों पर काम कर रहे हैं।
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने (एनसीपी-एसपी) नेता जितेंद्र आह्वाड के सनातन धर्म पर दिए गए बयान की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म भारत की संस्कृति और विरासत का अभिन्न हिस्सा है और इसके खिलाफ बोलने वाले इसका अपमान कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि देश ऐसे लोगों पर नजर रख रहा है और समय आने पर उन्हें जवाब मिलेगा, जैसा कि चुनावों में जनता वोट के माध्यम से देती है।
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने मालेगांव बम धमाके में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित सहित सात आरोपियों के बरी होने पर कहा कि मालेगांव का सच अब सामने आ गया है। तत्कालीन यूपीए सरकार एवं महाराष्ट्र एटीएस ने हिंदू आतंकवाद का नैरेटिव गढ़कर निर्दोष लोगों को फंसाया। खंडेलवाल ने कहा कि 17 साल तक चले इस मामले में आरोपियों के जीवन को नुकसान पहुंचा और इसकी भरपाई के लिए तत्कालीन सरकार के जिम्मेदार लोगों की पहचान करके उन्हें सजा दी जानी चाहिए।
उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली पर दिए गए बयान की भी कड़ी निंदा की। खंडेलवाल ने कहा कि राहुल गांधी बिल्कुल झूठ बोल रहे हैं और यह स्पष्ट है कि जेटली के निधन के बाद ही फॉर्म बिल आया। उन्होंने राहुल गांधी पर झूठ की पराकाष्ठा पार करने का आरोप लगाया और कहा कि दिवंगत नेता को किसी विवाद में घसीटना अनुचित है। राहुल गांधी के दावे तथ्यों के विपरीत हैं और यह उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।