क्या मनरेगा का नाम बदलने पर हर्षवर्धन सपकाल ने केंद्र सरकार पर तंज कसा?
सारांश
Key Takeaways
- मनरेगा का नाम बदलने पर विवाद बढ़ा है।
- हर्षवर्धन सपकाल ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं।
- योजना की नीति में बदलाव की संभावना है।
मुंबई, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मनरेगा का नाम बदलकर ‘विकसित भारत–जी राम जी’ रखने के निर्णय पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया है। उनका कहना है कि पीएम मोदी ने पहले जिस योजना को पूरी तरह विफल बताया था, आज उसी का नाम बदलकर राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के नाम पर शुरू की गई योजना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में कहा था कि यह कांग्रेस की विफलता का प्रतीक है। उस समय उन्होंने इसे भयंकर तरीके से आलोचना की थी, लेकिन आज जब वे पीछे मुड़कर देखते हैं, तो उन्हें इसी योजना का आधार लेकर इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हो रही है।
सपकाल ने यह भी कहा कि मोदी सरकार मूलतः लोकतंत्र और गणतंत्र में विश्वास नहीं रखती। उनका तरीका ऊपर से नीचे की ओर चीजें थोपना है, जबकि एक अच्छे शासन में नीचे की आवश्यकताओं को समझकर ही नीति बनानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले मनरेगा में राज्य का हिस्सा 10 प्रतिशत और केंद्र का हिस्सा 90 प्रतिशत था, लेकिन अब राज्य के हिस्से को 40 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। इसका साफ मतलब है कि योजना को बंद करने या कमजोर करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। सपकाल ने इसे वैचारिक रूप से गलत भी बताया। उनका कहना है कि जिन्होंने अपने जीवन में देश और धर्म के लिए काम किए और प्राण त्यागते समय भी श्रीराम का नाम लिया, उनके नाम का उपयोग राजनीति के लिए करना अनुचित है।
सपकाल ने नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम बदलकर लोकनेता डी.बी. पाटिल इंटरनेशनल एयरपोर्ट किए जाने पर भी सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से धोखा है। देवेंद्र फडणवीस जो कहते हैं, वह करते नहीं हैं। क्या उनकी याददाश्त कमजोर हो गई है, यह सवाल भी उठता है। डी.वाई. पाटिल वहीं के निवासी थे, इसलिए एयरपोर्ट का नाम उनके नाम पर होना चाहिए था, लेकिन फडणवीस अपने उच्चाधिकारियों को खुश करने और चापलूसी में व्यस्त हैं।