क्या मतदाता पुनरीक्षण में गलत मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं? श्रवण कुमार का बयान

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता पुनरीक्षण में निष्पक्षता आवश्यक है।
- सरकार का लक्ष्य केवल सही मतदाता को रखना है।
- विपक्ष का विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है।
- मर्यादा का पालन सभी सदस्यों का कर्तव्य है।
- नागरिकों के नामों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है।
पटना, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मंत्री श्रवण कुमार ने विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को सही ठहराते हुए बताया कि इसमें गलत मतदाताओं के नाम हटा रहे हैं।
वास्तव में, विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची का यह विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान विपक्ष द्वारा विरोध का सामना कर रहा है। सड़कों से लेकर सदन तक विपक्षी दलों का प्रतिरोध देखा जा रहा है। इस बीच, बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सरकार ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है।
श्रवण कुमार ने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण के मामले में सरकार निष्पक्षता से कार्य कर रही है। सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सदन में अपनी बात रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सही मतदाता किसी भी स्थिति में नहीं छूटेंगे और जो नाजायज मतदाता हैं, वे नहीं जुड़ेंगे। मरे हुए मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे। यदि किसी को विधायकों या नागरिकों को यह लगे कि उनका नाम सूची से हटाया गया है, तो यह सरकार और चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि उनका नाम हर हाल में रखा जाए।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा मंत्रीगणों को लेकर अपमानजनक शब्द कहे जाने पर उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष संवैधानिक पद पर हैं। सदन नियम और कानून के अनुसार चलता है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के लोग हों या विपक्ष के सभी को मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष से अपमानजनक शब्द निकलना अनुचित है। ऐसी बातें करके वे स्वयं को कमतर कर रहे हैं।
उन्होंने सभी सदस्यों से मर्यादा का पालन करने की अपील की। तेजस्वी यादव के एक अगस्त के बाद चुनाव आयोग के असली खेला होने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि यह पहले भी कहा जा चुका है। कुछ ऐसे शब्दों का बार-बार उपयोग यह दर्शाता है कि वे निराश और परेशान हैं।