क्या एमसीडी के 12,000 कर्मचारियों को पक्का करने की मांग पर 'आप' का प्रदर्शन सफल होगा?

सारांश
Key Takeaways
- 12,000 कर्मचारियों को पक्का करने का मुद्दा गरमाया हुआ है।
- 'आप' ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया है।
- भाजपा सरकार पर कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप है।
- इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच टकराव बढ़ रहा है।
- कर्मचारियों के लिए न्याय की मांग की जा रही है।
नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली नगर निगम के सदन में गुरुवार को 12,000 कर्मचारियों को पक्का करने का मुद्दा गरमाता रहा। नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग के नेतृत्व में 'आप' के पार्षदों ने इन कर्मचारियों को तुरंत पक्का करने की जोरदार मांग की, जिस पर मेयर राजा इकबाल सिंह ने सदन को स्थगित कर दिया।
इस निर्णय के विरोध में 'आप' पार्षदों ने सदन में जमकर नारेबाजी की।
अंकुश नारंग ने कहा कि 'आप' की सरकार के दौरान इन कर्मचारियों को पक्का करने का प्रस्ताव पारित किया गया था। भाजपा की सरकार के तहत मेयर से हमारी मांग है कि वह कमिश्नर को निर्देश देकर इसे लागू कराएं। लेकिन भाजपा सरकार जानबूझकर इन कर्मचारियों का अधिकार नहीं देना चाहती।
उन्होंने कहा कि जब 'आप' की सरकार थी, तब हमने 12,000 कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का प्रस्ताव पारित किया था और इसके लिए 800 करोड़ रुपए का बजट भी रखा था। लेकिन अब भाजपा इस प्रस्ताव को लागू नहीं कर रही है। इन कर्मचारियों को पक्का करना उनका अधिकार है।
अंकुश नारंग ने यह भी बताया कि भाजपा सदन को चलने नहीं देती और न ही कोई बैठक होने देती है। आम आदमी पार्टी ने भाजपा की सरकार में एमसीडी का सदन चलवाकर दिखाया है। जब हमने 12,000 कर्मचारियों को पक्का करने की मांग उठाई, तो मेयर ने सदन को स्थगित कर दिया।