क्या मुसहर भुइयां समाज को शिक्षा की नाकामी का सामना करना पड़ रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- शिक्षा की कमी का मुख्य कारण सिस्टम है।
- सामाजिक न्याय का मतलब है अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना।
- कई योजनाएं हैं लेकिन निष्पादन में कमी है।
- राजनीतिक भागीदारी के लिए प्रयास जारी हैं।
- बिहार में गुंडाराज पर गंभीर चिंता।
पटना, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय मुसहर भुइयां विकास परिषद द्वारा रविवार को पटना स्थित जगजीवन राम संसदीय अध्ययन संस्थान के सभागार में एक राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य आगामी चुनाव में मुसहर भुइयां समाज के मुद्दों को शामिल करना था।
इस सम्मेलन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि जब हम सामाजिक न्याय की बात करते हैं, तो हमारा मकसद समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है। उन्होंने बताया कि यदि आज इस समाज में शिक्षा की कमी है, तो इसका मुख्य कारण सिस्टम है। उन्होंने कहा कि कई योजनाएं हैं जो उनके विकास के लिए बनाई गई हैं, लेकिन यदि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोग समानता नहीं पा रहे हैं, तो यह सामाजिक न्याय का उल्लंघन है।
राजेश राम ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी का सिद्धांत है कि जिनकी जितनी हिस्सेदारी है, उनकी उतनी भागीदारी होनी चाहिए। अंतिम पंक्ति में कई लोग हैं, जो सदन में नहीं पहुंच सके हैं। यह एक बड़ी चुनौती है, लेकिन इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में, उन्होंने स्क्रीनिंग कमिटी में सांसद अखिलेश सिंह के नाम नहीं रहने पर टिप्पणी की कि इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता। यह एक बड़ी कमिटी है जिसमें अनुभवी लोग शामिल हैं।
चिराग पासवान द्वारा लॉ एंड ऑर्डर पर दुख जताए जाने पर उन्होंने कहा कि अगर उन्हें दुख है तो त्यागपत्र दें। लेकिन यह सिर्फ बोलने की बात है। बिहार में गुंडाराज होने की स्थिति पर उन्होंने सरकार को घेरा। गया में दुष्कर्म की घटना पर भी उन्होंने सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि एसआईआर के मुद्दे पर इंडिया ब्लॉक एक बड़ा और कड़ा फैसला लेगा।