क्या नाभि है शरीर की सीक्रेट पावर बटन? जानिए इसकी देखभाल कैसे करें

सारांश
Key Takeaways
- नाभि शरीर का महत्वपूर्ण केंद्र है।
- नाभि का संतुलन स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
- विभिन्न तेलों का उपयोग करें।
- घरेलू नुस्खे अपनाएं।
- नाभि की देखभाल से मानसिक शांति मिलती है।
नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नाभि हमारे शरीर का मुख्य केंद्र है, जिसे आयुर्वेद में अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है। यह केवल पेट के बीच का एक छोटा सा हिस्सा नहीं है, बल्कि यह ऊर्जा, पाचन, हार्मोन और मानसिक शांति का प्रमुख केंद्र है।
जब एक बच्चा मां के गर्भ में होता है, तो उसे पोषण और ऑक्सीजन नाभि के माध्यम से ही मिलती है। इसीलिए इसे जीवन रेखा और प्राण केंद्र कहा जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, नाभि शरीर के 107 प्रमुख मर्म स्थलों में से एक है, जिसे नाभि मर्म कहा जाता है। यह मर्म शरीर में प्राण ऊर्जा का संचार करता है और लगभग 72,000 नाड़ियों से जुड़ा होता है। इसलिए नाभि की देखभाल पूरे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है।
नाभि का संबंध शरीर के तीनों दोषों वात, पित्त और कफ से है। जब ये संतुलित रहते हैं, तब शरीर स्वस्थ और मन शांत रहता है। नाभि पाचन क्रिया को सुधारने, हार्मोनल संतुलन बनाए रखने, त्वचा की नमी और चमक बढ़ाने, मानसिक शांति प्रदान करने और जोड़ों में लचीलापन बनाए रखने में मदद करती है। महिलाओं में यह मासिक धर्म की अनियमितता को भी ठीक करने में सहायक मानी जाती है।
आयुर्वेद में नाभि अभ्यंग, यानी नाभि पर तेल लगाने की परंपरा बहुत पुरानी है। यह एक आसान और प्रभावी घरेलू उपाय है जो शरीर को स्वस्थ रखता है। अलग-अलग मौसम और जरूरत के अनुसार अलग-अलग तेल का प्रयोग किया जाता है। ठंड के मौसम में सरसों का तेल लगाने से शरीर गर्म रहता है और सर्दी-जुकाम से बचाव होता है।
गर्मियों में नारियल तेल लगाने से त्वचा की नमी बनी रहती है और पाचन तंत्र संतुलित रहता है। नीम का तेल संक्रमण और फंगल इंफेक्शन से बचाव करता है। बादाम तेल त्वचा की चमक, हार्मोनल संतुलन और मानसिक शांति के लिए लाभदायक है, जबकि देसी गाय का घी पाचन सुधारने और नींद को गहरा करने में सहायक होता है।
कुछ घरेलू नुस्खे भी बहुत उपयोगी हैं, जैसे नींद न आने पर रात को नाभि में घी की कुछ बूंदें डालना, सूखी त्वचा पर नारियल या बादाम तेल लगाना, पेट दर्द या गैस में हिंग और सरसों तेल का मिश्रण नाभि पर लगाना, तथा पीरियड्स के दर्द में गर्म घी या कैस्टर ऑयल लगाना।