क्या अगर नकवी सिर्फ एसीसी के अध्यक्ष होते, तो भारत ट्रॉफी स्वीकार कर लेता?

सारांश
Key Takeaways
- दानिश कनेरिया ने मोहसिन नकवी की भूमिका पर सवाल उठाया।
- भारत ने ट्रॉफी स्वीकारने से मना किया।
- राजनीतिक स्थिति ने खेल को प्रभावित किया।
- समारोह में पुरस्कार वितरण में बाधा आई।
- भारतीय टीम ने स्पष्ट किया कि वे नकवी से पुरस्कार नहीं लेंगे।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशिया कप 2025 के ट्रॉफी वितरण विवाद पर पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर दानिश कनेरिया ने अपनी राय व्यक्त की है। कनेरिया का मानना है कि यदि मोहसिन नकवी पाकिस्तान सरकार से सीधे जुड़े नहीं होते और केवल एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) के अध्यक्ष होते, तो टीम इंडिया उनके द्वारा ट्रॉफी स्वीकार कर लेती।
भारत ने खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराया, जिसके बाद टीम इंडिया ने एसीसी प्रमुख नकवी से ट्रॉफी स्वीकारने से मना कर दिया। नकवी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष होने के साथ-साथ पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं।
कनेरिया ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "मोहसिन नकवी पाकिस्तान सरकार में संघीय मंत्री हैं। अगर वह केवल एसीसी अध्यक्ष या पीसीबी अध्यक्ष होते, तो भारत उनसे ट्रॉफी स्वीकार कर लेता, लेकिन चूंकि वह सीधे पाकिस्तान सरकार से जुड़े हैं, इसलिए भारतीय खिलाड़ी उनसे दूरी बनाए रखते हैं।"
पूर्व लेग स्पिनर ने यह भी सलाह दी कि नकवी को समारोह से हटकर किसी अन्य अधिकारी को जिम्मेदारी देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, "मोहसिन को यह कार्य किसी और को सौंप देना चाहिए था। उनके कई 'चेले' वहाँ अवश्य मौजूद होते।"
यह ध्यान देने योग्य है कि भारत ने रविवार को दुबई में खेले गए खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ 5 विकेट से जीत दर्ज की।
रिपोर्ट्स के अनुसार, समारोह से पहले भारतीय टीम प्रबंधन ने अमीरात क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष खालिद अल जरूनी से पुरस्कार प्राप्त करने की इच्छा जताई थी, लेकिन नकवी ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
काफी देर बाद जब पुरस्कार वितरण समारोह शुरू हुआ, तो भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव, सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा और तिलक वर्मा ने मंच पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों से अपने-अपने पुरस्कार प्राप्त किए। जब नकवी मंच पर आए, तो भारतीय टीम ने स्पष्ट कर दिया कि वह उनसे पुरस्कार स्वीकार नहीं करेंगे। कुछ समय बाद, एशिया कप ट्रॉफी को आयोजन स्थल से हटा दिया गया, जिससे टीम इंडिया को पुरस्कार नहीं मिला।