क्या देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना कभी भी, कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में तैयार है?: एडमिरल दिनेश त्रिपाठी

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क्या देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना कभी भी, कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में तैयार है?: एडमिरल दिनेश त्रिपाठी

सारांश

भारतीय नौसेना की कमांडर्स कॉन्फ्रेंस 2025 में एडमिरल त्रिपाठी ने समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना की तत्परता और क्षमताओं की चर्चा की। जानें कैसे नौसेना देश की सुरक्षा को सशक्त बना रही है।

Key Takeaways

  • भारत की नौसेना हमेशा युद्ध के लिए तैयार है।
  • भू-रणनीतिक परिदृश्य में सक्रिय भागीदारी।
  • नौसेना की बढ़ती तकनीकी क्षमताएं
  • आईडीईएक्स जैसी पहलों की सफलता।
  • 2047 तक पूर्ण आत्मनिर्भरता का लक्ष्य।

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना की कमांडर्स कॉन्फ्रेंस 2025 का आयोजन नई दिल्ली में शुरू हो चुका है। इसका उद्घाटन नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी के प्रेरणादायक भाषण से हुआ। उन्होंने नौसेना की प्रतिबद्धता, व्यावसायिक दक्षता और निरंतर प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रदर्शित उत्कृष्ट संचालन क्षमता को उन्होंने राष्ट्र के लिए गर्व का विषय बताया।

कॉन्फ्रेंस के पहले दिन ही, एडमिरल त्रिपाठी ने वर्तमान भू-रणनीतिक परिदृश्य पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना राष्ट्रीय समुद्री हितों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर, अनुकूलनशील और सक्रिय भागीदारी के माध्यम से अपनी जिम्मेदारी निभा रही है।

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नौसेना एक युद्ध के लिए तत्पर बल के रूप में उभर रही है। हाल के महीनों में, कई सफल तैनातियां और संयुक्त अभियानों का प्रभावी संचालन किया गया है।

एडमिरल त्रिपाठी ने नौसेना की बढ़ती क्षमताओं, नए अधिग्रहणों और तकनीकी प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने भारतीय नौसेना को एक विश्वसनीय बल और पसंदीदा सुरक्षा साझेदार बताया, जिस पर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय साझेदार भरोसा करते हैं।

उन्होंने मानव संसाधन में वृद्धि, बेहतर आवास सुविधाएं, शारीरिक फिटनेस, और कार्मिक कल्याण में सुधार की सराहना की। उन्होंने आईडीईएक्स जैसी पहलों की सफलता और 2047 तक पूर्ण आत्मनिर्भर नौसेना के लक्ष्य पर बल दिया।

एडमिरल त्रिपाठी ने सात प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को दोहराया, जिसमें युद्धक दक्षता, क्षमता विकास, फ्लीट मेंटेनेंस, नवाचार, मानव संसाधन विकास और राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए कभी भी, कहीं भी और किसी भी परिस्थिति में तैयार है। सम्मेलन के पहले दिन वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भी नौसेना के कमांडरों को संबोधित किया।

उन्होंने भारतीय नौसेना की हिंद महासागर क्षेत्र में निर्णायक भूमिका की सराहना की और सामान्य योजना, समन्वित अभियानों तथा संयुक्तता को सशक्त बनाने पर जोर दिया। तीनों सेनाओं के बीच संयुक्त वायु अभियानों, इंटरऑपरेबिलिटी और एकीकृत संचालन को और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय नौसेना न केवल अपनी क्षमताओं में बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह देश की समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
23/10/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय नौसेना की कमांडर्स कॉन्फ्रेंस 2025 का उद्देश्य क्या है?
इस कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य नौसेना की क्षमताओं, संचालन और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर चर्चा करना है।
एडमिरल त्रिपाठी ने नौसेना की तैयारियों के बारे में क्या कहा?
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए किसी भी समय और किसी भी परिस्थिति में तैयार है।
नौसेना की बढ़ती क्षमताओं का क्या महत्व है?
बढ़ती क्षमताएं भारतीय नौसेना को एक मजबूत सुरक्षा साझेदार बनाती हैं, जिस पर क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय साझेदार भरोसा कर सकते हैं।