क्या नई शिक्षा नीति केवल लोगों का भगवाकरण कर सकती है? : हरीश रावत

Click to start listening
क्या नई शिक्षा नीति केवल लोगों का भगवाकरण कर सकती है? : हरीश रावत

सारांश

क्या नई शिक्षा नीति वास्तव में लोगों का भगवाकरण कर रही है? पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पढ़ें उनकी विचारधारा और भाजपा की नीतियों पर उनके विचार।

Key Takeaways

  • नई शिक्षा नीति के तहत धार्मिक श्लोकों का पढ़ाना विवादास्पद है।
  • शिक्षा का उद्देश्य आधुनिक दृष्टिकोण होना चाहिए।
  • सरकार को सभी धर्मों की अच्छी शिक्षाएं शामिल करनी चाहिए।
  • हर धर्म में अच्छाइयों का समावेश होना चाहिए।
  • भाजपा का उद्देश्य समाज को बांटना है।

रामनगर, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रमुख नेता हरीश रावत ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर शिक्षा के भगवाकरण का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी द्वारा स्कूलों में रामायण और गीता के श्लोक पढ़ाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति केवल लोगों का भगवाकरण कर सकती है।

रावत ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि गीता ज्ञान और कर्म का उपदेश देती है, और ऐसा ज्ञान सभी के लिए आवश्यक है। लेकिन सवाल यह है कि केवल एक ही धर्म के श्लोक क्यों पढ़ाए जा रहे हैं? उन्होंने कहा कि हर धर्म में अच्छी बातें होती हैं और बच्चों को सभी धर्मों की अच्छी शिक्षाएं दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य आधुनिक दृष्टिकोण होना चाहिए, जिससे हमारे बच्चे आगे बढ़ सकें। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति पर भी उन्होंने सवाल उठाए और बताया कि यह नीति केवल भगवाकरण को बढ़ावा देती है, जबकि राष्ट्र निर्माण की उम्मीद इससे नहीं की जा सकती, क्योंकि यह किसी एक संस्था विशेष का प्रभाव पूरे शिक्षा जगत पर थोपती है।

सरकार मदरसों को भी शिक्षा नीति में शामिल करना चाहती है। इस पर रावत ने कहा कि भाजपा का उद्देश्य हमेशा समाज को बांटना रहा है, लेकिन यदि किसी भी धर्म की अच्छी बात को शामिल किया जा रहा है तो उसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए, बशर्ते वह किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत न करे।

उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस देश को उस युग में ले जाना चाहती है, जब समाज जातियों और वर्गों में बंटा हुआ था, इसी सोच ने हमें वर्षों गुलाम बनाकर रखा और आज फिर से हमें उसी दिशा में धकेला जा रहा है। भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की आवश्यकता पर उन्होंने कहा कि देश को हिंदू राष्ट्र नहीं, बल्कि विकासवाद, कल्याणवाद, समाजवाद और सबसे बढ़कर संविधानवाद की ओर आगे बढ़ने की जरूरत है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि केस में लखनऊ कोर्ट से जमानत मिलने के सवाल पर रावत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा राहुल गांधी पर झूठे मुकदमे दर्ज करा रही है, ताकि उनके पांव में बेड़ियां डाली जा सके, लेकिन राहुल रुकने वाले नहीं हैं। वह भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं।

मुस्लिम समुदाय की बढ़ती जनसंख्या पर हरीश रावत ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर पश्चिम और दक्षिण भारत के राज्यों ने बेहतर काम किया है, इन राज्यों में हिंदू और मुस्लिम आबादी में संतुलन है। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में कुछ असमानताएं जरूर हैं, लेकिन आज के समय में लोग जागरूक हो रहे हैं और सीमित परिवार की विचारधारा पर ध्यान दे रहे हैं।

Point of View

हरीश रावत का बयान एक महत्वपूर्ण चर्चा का हिस्सा है। शिक्षा के क्षेत्र में धर्म और राजनीति का मिश्रण समाज में विभाजन को बढ़ावा दे सकता है। आवश्यक है कि शिक्षा का उद्देश्य समग्रता और समावेशिता हो, ताकि सभी धर्मों का सम्मान किया जा सके।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

हरीश रावत ने नई शिक्षा नीति पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति केवल लोगों का भगवाकरण कर सकती है और इसे समाज में विभाजन का कारण बताया।
क्या रावत ने भाजपा पर अन्य आरोप लगाए?
जी हाँ, उन्होंने भाजपा पर समाज को बांटने का आरोप लगाया और कहा कि शिक्षा का उद्देश्य आधुनिक दृष्टिकोण होना चाहिए।
Nation Press