क्या बाबासाहेब अंबेडकर का सबसे बड़ा अपमान नेहरू ने किया था? : विश्वास सारंग

सारांश
Key Takeaways
- डॉ अंबेडकर का अपमान नेहरू द्वारा किया गया।
- कांग्रेस ने हमेशा अंबेडकर का अपमान किया।
- भाजपा ने अंबेडकर के प्रति सम्मान प्रकट किया है।
- आपातकाल भारत के इतिहास का काला अध्याय है।
- कांग्रेस को अंबेडकर से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।
भोपाल २५ जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी द्वारा संविधान सत्याग्रह आंदोलन चलाया जा रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर का सबसे बड़ा अपमान तो जवाहरलाल नेहरू ने किया था।
मंत्री सारंग ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कांग्रेस संविधान का जिक्र कर रही है और डॉ अंबेडकर को याद कर रही है, लेकिन कांग्रेस यह भूल रही है कि अंबेडकर को सबसे ज्यादा अपमानित नेहरू ने ही किया। उन्होंने षड्यंत्र रचकर सुनिश्चित किया कि बाबासाहेब अंबेडकर कभी लोकसभा का हिस्सा न बन सकें। कांग्रेस ने हमेशा अंबेडकर का अपमान किया। इतना ही नहीं, नेहरू परिवार ने भी संविधान को कमजोर करने की कोशिश की। उन्हें अंबेडकर साहब से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।
मंत्री सारंग ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार ने अंबेडकर के प्रति सम्मान प्रकट किया है। डॉ अंबेडकर की जन्मस्थली से लेकर कार्यस्थली तक को तीर्थ के रूप में विकसित किया गया है। कांग्रेस को चाहिए कि वे सार्वजनिक रूप से डॉ अंबेडकर से माफी मांगे।
वास्तव में, कांग्रेस संविधान सत्याग्रह आंदोलन चला रही है और भाजपा पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस ने ग्वालियर में डॉ अंबेडकर की प्रतिमा लगाने की मांग को लेकर सामूहिक उपवास रखा।
आपातकाल के ५० वर्ष पूरे होने की चर्चा करते हुए मंत्री सारंग ने कहा कि आपातकाल देश के इतिहास का सबसे काला अध्याय था। भारत की पहचान दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में है। जिस संविधान को डॉ अंबेडकर जैसे महान नेताओं ने तैयार किया, उसे तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तिलांजलि दी। आजादी के बाद से गांधी परिवार और कांग्रेस ने हर मौके पर संविधान को कमजोर किया। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक विरोधियों को जेल में डालकर सत्ता बनाए रखने का प्रयास किया। यह निश्चित रूप से एक काला अध्याय है। आज ५० वर्ष बीत चुके हैं और वह काला अध्याय समाप्त नहीं हो रहा है। कांग्रेस, खासकर नेहरू परिवार को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।