क्या नेपाल एक प्राचीन आध्यात्मिक और हिंदू राष्ट्र के रूप में शांति और स्थिरता हासिल कर सकता है? - श्रीराज नायर

सारांश
Key Takeaways
- नेपाल एक प्राचीन आध्यात्मिक राष्ट्र है।
- आरएसएस ने १०० वर्षों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- नेपाल में हाल की राजनीतिक परिवर्तन हो रहे हैं।
- हिंदू समाज की एकता को बढ़ावा देना आवश्यक है।
- भारत और नेपाल के संबंध महत्वपूर्ण हैं।
नई दिल्ली, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने नेपाल में हाल के घटनाक्रमों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है।
उन्होंने नेपाल में सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ उठे युवा आंदोलन के बारे में बात करते हुए कहा कि हाल के दिनों में वहां विद्यार्थियों और नागरिकों द्वारा आंदोलन हुआ, जिसके परिणामस्वरूप सत्ता परिवर्तन हुआ और अब सुशीला कार्की प्रधानमंत्री बनने जा रही हैं।
श्रीराज नायर ने आशा व्यक्त की कि नेपाल में यह उथल-पुथल समाप्त होकर शांति की स्थापना होगी। उन्होंने कहा कि नेपाल एक प्राचीन आध्यात्मिक और हिंदू राष्ट्र रहा है, इसलिए हमारी कामना है कि वह अपनी सांस्कृतिक जड़ों पर लौटे। मैं नेपाल के हिंदू भाइयों के लिए शांति, स्थिरता और समृद्धि की प्रार्थना करता हूं।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आगामी दशहरा (विजयादशमी) उत्सव पर १०० वर्ष पूरे करने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने देश को संगठित रखने, हिंदू समाज को एकजुट करने और परोपकारी व सेवा कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। आपदा या संकट के समय संघ के स्वयंसेवक सबसे पहले मदद के लिए आगे आते हैं और बिना भेदभाव के सभी की सेवा करते हैं। यह संगठन न केवल भारत बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए कार्य करता है। संघ राष्ट्र की एकता और सेवा का प्रतीक है, जिस पर हर भारतीय को गर्व होना चाहिए। संघ शताब्दी समारोह ऐतिहासिक है और राष्ट्रीय गौरव का क्षण है।
साथ ही, उन्होंने संजय रावत और विपक्ष के कुछ नेताओं के बयानों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने उनके बयानों को हास्यास्पद और गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा कि भारत एक मजबूत लोकतंत्र है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश सशक्त रूप से प्रगति कर रहा है। नेपाल जैसी अराजकता या अस्थिरता भारत में संभव नहीं है। घोटालेबाज नेताओं को जनता ने नकार दिया है और देश विकास के पथ पर अग्रसर है।
श्रीराज नायर ने यह भी स्पष्ट किया कि नेपाल भारत का मित्र राष्ट्र है और उसका आंतरिक मामला वह स्वयं संभालेगा।