क्या नेताओं की तुलना ईश्वर से करना चाटुकारिता की पराकाष्ठा है? : एसपी सिंह बघेल

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क्या नेताओं की तुलना ईश्वर से करना चाटुकारिता की पराकाष्ठा है? : एसपी सिंह बघेल

सारांश

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन की जीत के बाद एसपी सिंह बघेल ने चाटुकारिता की पराकाष्ठा पर विचार किया। क्या नेताओं की तुलना ईश्वर से करना सही है? जानें इस पर उनका दृष्टिकोण।

Key Takeaways

  • सीपी राधाकृष्णन की जीत ने भाजपा में उत्साह का संचार किया।
  • नेताओं की तुलना ईश्वर से करना उचित नहीं है।
  • धार्मिक भावनाओं का सम्मान होना चाहिए।
  • नेपाल में हालात सामान्य नहीं हैं, सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है।
  • भारत और नेपाल के रिश्ते मजबूत हैं।

आगरा, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति पद पर सीपी राधाकृष्णन की विजयी सफलता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। केंद्रीय राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने इस अवसर पर राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में कहा, "सबसे पहले मैं उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को दिल से बधाई देता हूं। मेरी शुभकामनाएं हैं कि उनके नेतृत्व में राज्यसभा का संचालन सुचारू हो और वे एक लोकप्रिय अध्यक्ष बनें।"

उन्होंने आगे कहा कि आत्मा की आवाज पर वोट मांगने पर संख्या बल कम होता है और जो लोग आत्मा की आवाज पर अपील कर रहे हैं, उनकी बातों का असर उन पर भी हो सकता है जो आपको वोट देने के लिए इच्छुक नहीं हैं। कल लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण दिन था जब सीपी राधाकृष्णन ने भारी मतों से जीत हासिल की।

बघेल ने विपक्षी इंडी गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन एक ऐसा समूह है, जो जब भी सरकार कोई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करती है, उसका विश्वास डगमगाता है और विधेयक आसानी से पास हो जाते हैं। जनता का समर्थन भाजपा के साथ है। उपराष्ट्रपति चुनाव के परिणाम पहले से ही स्पष्ट थे। लोकसभा और राज्यसभा के मतदाताओं के वोटों ने इस जीत को सुनिश्चित किया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रायबरेली दौरे से पहले सपा कार्यकर्ताओं ने एक पोस्टर लगाया है, जिसमें राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव को ब्रह्मा-विष्णु-महेश के रूप में दर्शाया गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एसपी सिंह बघेल ने इसे 'चाटुकारिता की पराकाष्ठा' कहा।

उन्होंने कहा, "ईश्वर की तुलना किसी भी इंसान से नहीं की जा सकती। हम सब साधारण इंसान हैं। ये नेता 'नामदार' हैं, जिन्हें विरासत में पद मिले हैं। अगर ये साधारण परिवारों में जन्मे होते, तो शायद इस मुकाम तक नहीं पहुंचते।"

उन्होंने सनातन धर्म का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसी तुलनाएं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं और नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं को इस तरह की हरकतों के लिए सख्त संदेश देना चाहिए।

इसके अलावा, नेपाल में बढ़ती हिंसा और अस्थिरता को लेकर विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एडवाइजरी पर भी बघेल ने अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, "भारत और नेपाल के रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं। हजारों भारतीय सड़क और हवाई मार्ग से नेपाल आते-जाते हैं, खासकर पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन के लिए।"

उन्होंने बताया कि नेपाल में अचानक भड़की हिंसा के कारण भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है। भारतीय दूतावास सक्रिय रूप से काम कर रहा है और नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने की प्रक्रिया जारी है। नेपाल में स्थिति अभी सामान्य होने की उम्मीद नहीं है, लेकिन भारत सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।

Point of View

बल्कि यह समाज में असहिष्णुता को भी बढ़ाता है। एसपी सिंह बघेल का यह कहना महत्वपूर्ण है कि हमें अपने नेताओं की वास्तविकता को समझना चाहिए और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या नेताओं की तुलना धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती है?
हाँ, एसपी सिंह बघेल के अनुसार, नेताओं की तुलना ईश्वर से करना धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।
सीपी राधाकृष्णन की जीत पर क्या प्रतिक्रिया थी?
एसपी सिंह बघेल ने उन्हें बधाई दी और उनके नेतृत्व की सराहना की।
इंडी गठबंधन पर बघेल का क्या कहना था?
बघेल ने कहा कि यह गठबंधन सरकार के विधेयकों के प्रति अस्थिर है।