क्या नेक्स्ट जेन जीएसटी सुधारों से पश्चिम बंगाल की इकोनॉमी होगी बूस्ट?

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क्या नेक्स्ट जेन जीएसटी सुधारों से पश्चिम बंगाल की इकोनॉमी होगी बूस्ट?

सारांश

कोलकाता में आयोजित 'नेक्स्ट जेन जीएसटी' कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी के सुधारों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि नए अनुपालन का उद्देश्य बंगाल की सांस्कृतिक वस्तुओं को बढ़ावा देना है। क्या ये सुधार पश्चिम बंगाल की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे?

Key Takeaways

  • जीएसटी दरों में कटौती से बंगाल के कारीगरों को लाभ होगा।
  • नए अनुपालन का उद्देश्य पूजा के समय सांस्कृतिक वस्तुओं को बढ़ावा देना है।
  • जीएसटी सुधार मध्यम वर्ग और किसानों के लिए फायदेमंद है।
  • रिफंड प्रक्रिया में स्वचालन से पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • एकल जीएसटी दर की संभावना पर विचार हो रहा है।

कोलकाता, १८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता के राष्ट्रीय पुस्तकालय भाषा भवन में आयोजित 'नेक्स्ट जेन जीएसटी' कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरें कभी भी बिना योजना के निर्धारित नहीं की गई हैं और इसके पीछे गहरा विचार किया गया है।

निर्मला सीतारमण ने पश्चिम बंगाल के संदर्भ में कहा कि २२ सितंबर को जो नया जीएसटी अनुपालन लागू हुआ, वह मुख्य रूप से पूजा के अवसर को ध्यान में रखते हुए किया गया है। शुरुआत में कुछ लोग चाहते थे कि इसे १० सितंबर से लागू किया जाए, लेकिन बाद में तय हुआ कि यह महालया और नवरात्रि के पहले दिन से लागू होगा। उन्होंने सवाल किया, "क्या आप बंगाल के इस प्रभाव को नजरअंदाज कर सकते हैं?"

उन्होंने बंगाल की विशेष सांस्कृतिक और हस्तशिल्प उत्पादों के लिए जीएसटी दरों में कमी की बात करते हुए बताया कि ११ खास बंगाली वस्तुओं की दरें ५ प्रतिशत कर दी गई हैं। इनमें शामिल हैं: शांतिनिकेतन की चमड़े की वस्तुएं (५ प्रतिशत), बांकारा टेराकोटा शिल्प (५ प्रतिशत), मधुर्कटी माच (५ प्रतिशत), पुरुलिया चौ मुखौटे (५ प्रतिशत), दिनाजपुर के लकड़ी के मुखौटे (५ प्रतिशत), मालदा के प्रसंस्कृत आम (५ प्रतिशत), दार्जिलिंग चाय (५ प्रतिशत) और जूट बैग्स (५ प्रतिशत)। निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन कटौतियों से पश्चिम बंगाल के कारीगरों और उत्पादकों को बहुत लाभ होगा।

उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरों की समीक्षा का उद्देश्य मध्यम वर्ग और किसानों को लाभ पहुंचाना था। इसके साथ ही एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए भी राहत प्रदान करना आवश्यक था। उन्होंने स्पष्ट किया कि अंततः जीएसटी सुधार का मुख्य उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था के व्यापक हित में था।

वित्त मंत्री ने भविष्य में एक एकल जीएसटी दर की संभावना पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि हाल ही में जैसलमेर में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर कुछ दरों की समीक्षा की गई, क्योंकि जमीनी स्तर पर कुछ समस्याएं थीं। इस प्रक्रिया में कई सुधार किए गए हैं।

सीतारमण ने कहा, "जीएसटी काउंसिल एक संवैधानिक संस्था है। प्रधानमंत्री ने लाल किले से जो बयान दिया था, वह केवल एक संकेत था, उन्होंने दरें तय नहीं की थीं। विपक्ष के कई राज्यों, जिनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है, ने स्लैब कटौती और स्वास्थ्य योजना की छूट पर हमारे साथ सहमति दिखाई थी।"

उन्होंने बताया कि जीएसटी काउंसिल में लगभग एक तिहाई हिस्सेदारी सरकार की है, जबकि दो तिहाई हिस्सेदारी विपक्ष की है।

निर्मला सीतारमण ने यह भी जानकारी दी कि राज्यों ने मिलकर जीएसटी स्लैब घटाने के प्रस्ताव पर सहमति दी है। उन्होंने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को व्यक्तिगत पत्र भी भेजे। उन्होंने कहा कि किसी ने भी व्यक्तिगत आय पर कर दरों में कटौती की कल्पना नहीं की थी। विभाग लगातार टैक्स सुधारों की समीक्षा कर रहा है।

उन्होंने कहा, "ब्यूरोक्रेट्स काम करते हैं और नेताओं को समर्थन देना होता है। प्रधानमंत्री ने जीएसटी की सरलता की बात कही थी और इसका प्रभाव देश के हर नागरिक पर पड़ा है।"

निर्मला सीतारमण ने इस अवसर पर कहा कि ९० प्रतिशत जीएसटी रिफंड अब स्वचालित रूप से दिया जाएगा, जबकि केवल १० प्रतिशत मामलों में जांच की जाएगी ताकि सही व्यक्ति को रिफंड मिले। उन्होंने विपक्षी पार्टियों से अपील की कि वे जीएसटी काउंसिल के संवैधानिक अधिकार का सम्मान करें और राजनीतिक विवादों को छोड़कर देशहित में काम करें।

इस अवसर पर वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि जीएसटी सुधारों का मुख्य उद्देश्य देश के मध्यम वर्ग, किसानों, एमएसएमई और सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। उन्होंने कहा, "ये सुधार सभी नागरिकों के लिए सकारात्मक परिवर्तन लाएंगे।"

--आईएएनेस

वीकेयू/जीकेटी

Point of View

यह स्पष्ट है कि जीएसटी सुधार न केवल आर्थिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की पहल से पश्चिम बंगाल के हस्तशिल्प उद्योग को नई दिशा मिल सकती है। यह एक सकारात्मक कदम है जो देश की समग्र आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा।
NationPress
18/09/2025

Frequently Asked Questions

पश्चिम बंगाल के लिए जीएसटी में क्या नए सुधार हुए हैं?
पश्चिम बंगाल के लिए जीएसटी में कई नए सुधार हुए हैं, जिनमें ११ खास बंगाली वस्तुओं की दरें ५ प्रतिशत कर दी गई हैं।
जीएसटी का उद्देश्य क्या है?
जीएसटी का मुख्य उद्देश्य मध्यम वर्ग और किसानों को लाभ पहुंचाना और सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
क्या जीएसटी में एकल दर संभव है?
वित्त मंत्री ने भविष्य में जीएसटी की एक एकल दर की संभावना पर चर्चा की है।
रिफंड प्रक्रिया में क्या बदलाव हुए हैं?
अब ९० प्रतिशत जीएसटी रिफंड स्वचालित रूप से दिया जाएगा, जबकि केवल १० प्रतिशत मामलों में जांच की जाएगी।
क्या विपक्ष ने जीएसटी सुधारों का समर्थन किया है?
हां, कई विपक्षी राज्य जीएसटी सुधारों पर सहमत हुए हैं और इसमें समर्थन प्रदान कर रहे हैं।