क्या ओबामा ने ट्रंप को सत्ता से हटाने की साजिश रची थी? तुलसी गबार्ड का दावा

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क्या ओबामा ने ट्रंप को सत्ता से हटाने की साजिश रची थी? तुलसी गबार्ड का दावा

सारांश

तुलसी गबार्ड ने पूर्व राष्ट्रपति ओबामा पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता से हटाने के लिए साजिश की। क्या यह आरोप सच है? जानिए इस विवादास्पद मुद्दे के पीछे की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • तुलसी गबार्ड ने ओबामा पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • 2016 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत को कमजोर करने की साजिश का आरोप।
  • ओबामा प्रशासन के अधिकारियों पर गलत जानकारी लीक करने का भी आरोप।
  • यह मामला अमेरिकी राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है।
  • सच्चाई को उजागर करना जरूरी है।

वाशिंगटन, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके प्रशासन के वरिष्ठ सदस्यों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

गबार्ड ने ओबामा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 2016 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत को कमजोर करने और उनके राष्ट्रपति पद के कार्यकाल को प्रभावित करने के लिए साजिश की।

तुलसी गबार्ड ने 'एक्स' पर लिखा, "ओबामा का उद्देश्य राष्ट्रपति ट्रंप को सत्ता से हटा देना और अमेरिकी जनता की इच्छा को कुचलना था। इस साजिश में शामिल हर व्यक्ति की गहन जांच होनी चाहिए। कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि हमारे लोकतंत्र की विश्वसनीयता इसी पर निर्भर करती है।"

डीएनआई ने प्रेस रिलीज में बताया कि शुक्रवार को गबार्ड ने सबूत प्रस्तुत किए, जिसमें दर्शाया गया कि कैसे ओबामा और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने खुफिया सूचनाओं को जानबूझकर गढ़ा, जिससे ट्रंप के खिलाफ तख्तापलट जैसी साजिश की नींव रखी गई।

नवंबर 2016 के चुनाव से पहले, इंटेलिजेंस कम्युनिटी (आईसी) ने आकलन किया था कि रूस चुनाव को प्रभावित करने के लिए साइबर साधनों का उपयोग नहीं कर रहा था।

इससे पहले, 7 दिसंबर 2016 को, तत्कालीन राष्ट्रीय खुफिया निदेशक जेम्स क्लैपर के लिए तैयार किए गए बिंदुओं में कहा गया था, "विदेशी दुश्मनों ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को बदलने के लिए साइबर हमले नहीं किए।"

इसके दो दिन बाद, ओबामा ने व्हाइट हाउस में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रमुख सदस्य शामिल थे। बैठक का उद्देश्य रूस से संबंधित स्थिति पर चर्चा करना था।

बैठक के बाद, जेम्स क्लैपर के सहायक ने आईसी के नेताओं को ई-मेल भेजा, जिसमें ओबामा के अनुरोध पर एक नया इंटेलिजेंस कम्युनिटी असेसमेंट तैयार करने का निर्देश दिया गया।

ई-मेल में कहा गया, "ओडीएनआई इस प्रयास का नेतृत्व करेगा, जिसमें सीआईए, एफबीआई, एनएसए और डीएचएस की भागीदारी होगी।"

गबार्ड ने बताया कि ओबामा प्रशासन के अधिकारियों ने गलत जानकारी मीडिया को लीक की, जिसमें प्रमुख समाचार संस्थानों का नाम शामिल था।

इसके बाद, 6 जनवरी 2017 को एक नया इंटेलिजेंस कम्युनिटी असेसमेंट जारी किया गया, जो पिछले छह महीनों के आकलनों से विरोधाभासी था।

प्रेस रिलीज के अनुसार, यह एक राजनीतिक उद्देश्य से तैयार की गई खुफिया रिपोर्ट थी, जिसका उद्देश्य ट्रंप की जीत को गलत साबित करना था।

Point of View

मैं मानता हूं कि यह मुद्दा हमारे लोकतंत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। हमें सच्चाई को उजागर करने की आवश्यकता है और सभी पक्षों को सुनने का अवसर मिलना चाहिए। यह आवश्यक है कि हम तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष पर पहुंचे।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या तुलसी गबार्ड के आरोपों में सच्चाई है?
तुलसी गबार्ड के आरोपों की जांच की जानी चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मामला है जो अमेरिका की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
ओबामा प्रशासन पर क्या आरोप लगाए गए हैं?
ओबामा प्रशासन पर आरोप है कि उन्होंने ट्रंप की जीत को कमजोर करने के लिए जानबूझकर खुफिया सूचनाओं को गढ़ा।
क्या यह मामला न्यायालय में जाएगा?
यदि गबार्ड की मांग पर कार्रवाई की जाती है, तो यह मामला न्यायालय में जा सकता है।