क्या ओडिशा में बीजद की ओर से भुवनेश्वर बंद का ऐलान सिर्फ एक नाटक है?

सारांश
Key Takeaways
- बीजद का बंद आह्वान, राजनीतिक नाटक या जनहित?
- भाजपा का विरोध, बीजद पर गंभीर आरोप।
- ओडिशा में राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की आवश्यकता।
भुवनेश्वर, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बीजू जनता दल (बीजद) ने 24 सितंबर को भुवनेश्वर में छह घंटे के बंद का आह्वान किया है। यह निर्णय सेना के एक मेजर और उसकी मंगेतर पर हुए हमले के संदर्भ में बढ़ते आक्रोश के जवाब में लिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस कदम का विरोध किया है। भाजपा विधायक अश्विनी कुमार सारंगी ने कहा कि बीजद के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है और वह वास्तविक समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए 'नाटक' कर रही है।
सारंगी ने यह भी कहा कि बीजद के विधायक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उनकी पार्टी अगले 3-4 सालों या 2027 के चुनावों में सत्ता में वापस नहीं आ सकती।
उन्होंने कहा, "उनके विरोध प्रदर्शन, रोड शो और सदन में व्यवधान मात्र दिखावा हैं।"
भाजपा नेता ने बीजद के 24 वर्षों के शासन की भी आलोचना की और कहा कि इस दौरान विधायकों और मंत्रियों का महत्व नहीं रहा और यह स्पष्ट नहीं था कि सरकार वास्तव में किसके द्वारा चलाई जा रही है।
सारंगी ने कहा, "ओडिशा के हर नागरिक को इस हकीकत का पता है।"
उन्होंने वर्तमान भाजपा-नेतृत्व वाली सरकार की प्रशंसा की और कहा कि यह जन कल्याण और जनभावनाओं पर केंद्रित है।
उन्होंने जोर देकर कहा, "सभी विधायक अपने आवासों पर जनता दरबार लगा रहे हैं, जहां सैकड़ों लोग अपनी शिकायतें लेकर आते हैं। पिछले 24 सालों में यह संभव नहीं था, जब प्रशासन पर अधिकारियों का दबदबा था और लोगों की मंत्रियों और विधायकों तक पहुंच सीमित थी।"