क्या ओमप्रकाश राजभर जोकर का काम कर रहे हैं? दरोगा प्रसाद सरोज का बयान

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क्या ओमप्रकाश राजभर जोकर का काम कर रहे हैं? दरोगा प्रसाद सरोज का बयान

सारांश

समाजवादी पार्टी और सुभासपा के बीच बढ़ती जुबानी जंग में दरोगा प्रसाद सरोज ने ओमप्रकाश राजभर पर तीखा हमला किया। क्या राजभर की राजनीति अब केवल तमाशा बन गई है?

Key Takeaways

  • ओमप्रकाश राजभर की राजनीतिक दिशा में अस्थिरता है।
  • राजनीति में अवसरवादिता का बढ़ता प्रभाव।
  • सपा और सुभासपा के बीच की जुबानी जंग।
  • रमाकांत यादव का स्वास्थ्य चिंता का विषय है।
  • जनता अब नेताओं को गंभीरता से नहीं ले रही है।

फर्रुखाबाद, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) और सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के बीच जुबानी युद्ध पिछले कुछ समय से बढ़ता जा रहा है। इसी सिलसिले में, मंगलवार को फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में आजमगढ़ से सपा विधायक रमाकांत यादव से मुलाकात करने के बाद, सपा सांसद दरोगा प्रसाद सरोज ने सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर एक तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश राजभर अब विदूषक (जोकर) का काम कर रहे हैं और अब कोई भी उनके राजनीतिक विश्वास पर भरोसा नहीं कर सकता।

सपा सांसद दरोगा प्रसाद सरोज ने मंगलवार को फतेहगढ़ स्थित केंद्रीय कारागार का दौरा किया, जहां विधायक रमाकांत यादव बंद हैं। मुलाकात के बाद, सांसद ने बताया कि उन्होंने विधायक के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। उन्होंने कहा कि विधायक की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर वह तुरंत उनसे मिलने आए। उन्हें हाल ही में चक्कर आने के बाद दो बार गिरने की शिकायत हुई थी। लखनऊ में उनका चिकित्सीय परीक्षण भी कराया गया है।

सांसद ने कहा कि रमाकांत यादव गरीबों के दिलों पर राज करते हैं। उनकी बीमारी की खबर से पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में चिंता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद जेल अधिकारियों से बातचीत की और इसके बाद विधायक को इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया। मैं लालगंज से सांसद हूं और उनका पार्टी और व्यक्तिगत दोनों स्तर पर गहरा संबंध है। उनकी सलामती के लिए हर गरीब आदमी दुआ कर रहा है।

ओमप्रकाश राजभर पर जुबानी हमला करते हुए सपा सांसद ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर अब अपनी राजनीतिक दिशा खो चुके हैं। कभी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 'जोगी' कहने वाले ओमप्रकाश राजभर अब उनके शुभचिंतक बन गए हैं। वह यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि किस दल में रहना है और किसकी चापलूसी करनी है। कभी कांग्रेस की, कभी बसपा की, कभी बीजेपी की, तो कभी सपा की ढपली बजाते हैं। दरोगा प्रसाद सरोज ने तंज कसते हुए कहा कि राजभर अब इस चक्कर में हैं कि कहीं से मौका नहीं मिल रहा तो किसकी तारीफ करें ताकि कोई उन्हें जगह दे दे। उनके पास कोई स्थायी जनाधार नहीं है। लोगों को बरगलाकर चर्चा में बने रहना ही उनकी राजनीति का तरीका बन गया है।

सांसद ने आगे कहा कि ओमप्रकाश राजभर का जनाधार केवल मीडिया की सुर्खियों में है। वह विदूषक (जोकर) का काम कर रहे हैं। लोगों को हंसाने और बेतुकी बातें करने वाले व्यक्ति को क्या राजनीतिक कहा जा सकता है? उनका बात करने का लहजा ही देख लीजिए, क्या यह किसी गंभीर नेता का तरीका है? राजभर का राजनीतिक भविष्य अब अधर में लटका है। वह खुद नहीं जानते कि किस दिशा में जा रहे हैं। बिहार में उनकी पार्टी का प्रदर्शन भी दहाई अंक पार नहीं कर पाएगा। एक-दो सीट जीतना भी मुश्किल है।

सपा सांसद ने ओमप्रकाश राजभर के बेटे द्वारा आजम खां को लेकर दिए गए बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि आजम खां समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पार्टी को खड़ा किया है। सिद्धांतों से समझौता करना सपा की परंपरा नहीं है। ओमप्रकाश राजभर का बेटा कितना बड़ा नेता है जो कहेगा और उसके कहने पर पार्टी की राह बदल जाएगी?

दरोगा प्रसाद सरोज ने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी अपने सिद्धांतों पर अडिग है, जबकि ओमप्रकाश राजभर जैसे लोग केवल राजनीतिक अवसर तलाशने में लगे रहते हैं। उन्होंने कहा कि “राजभर की राजनीति भरोसे की नहीं, तमाशे की राजनीति बन चुकी है। इसलिए अब जनता भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेती।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय राजनीति में कुछ नेता अवसरवादी हो जाते हैं। ओमप्रकाश राजभर जैसे नेताओं की स्थिति यह दर्शाती है कि राजनीतिक स्थिरता और सिद्धांतों पर चलना कितना महत्वपूर्ण है। जनता अब ऐसे नेताओं को गंभीरता से नहीं लेती।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

ओमप्रकाश राजभर कौन हैं?
ओमप्रकाश राजभर सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं।
दरोगा प्रसाद सरोज का बयान किस संदर्भ में था?
दरोगा प्रसाद सरोज ने ओमप्रकाश राजभर पर टिप्पणी की थी कि वे अब विदूषक का काम कर रहे हैं।
क्या ओमप्रकाश राजभर की राजनीति प्रभावित हुई है?
जी हां, दरोगा प्रसाद सरोज के बयान से यह स्पष्ट होता है कि उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हुई है।
रमाकांत यादव का स्वास्थ्य कैसा है?
रमाकांत यादव की तबियत बिगड़ने की सूचना आई है और उनका इलाज लखनऊ में चल रहा है।
समाजवादी पार्टी की स्थिति क्या है?
समाजवादी पार्टी अपने सिद्धांतों पर अडिग है और अपने नेताओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखती है।