क्या पार्टी की छवि को धूमिल करने का प्रयास हो रहा है? मायावती ने स्पष्ट किया

सारांश
Key Takeaways
- मायावती ने अपनी पार्टी की स्वतंत्र राजनीतिक नीति को दोहराया।
- बीएसपी एनडीए और इंडी गठबंधन का हिस्सा नहीं है।
- उन्होंने मीडिया के गलत प्रचार की निंदा की।
- दलित और पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता।
- सदस्यों को राजनीतिक षड्यंत्रों के प्रति सतर्क रहने की सलाह।
लखनऊ, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एक बयान में अपनी पार्टी की स्वतंत्र राजनीतिक नीति को पुनः दोहराया है। उन्होंने कहा कि बीएसपी न तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एनडीए गठबंधन का हिस्सा है और न ही कांग्रेस के इंडी गठबंधन से जुड़ी है।
मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतों पर चलती है, जो दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए समर्पित है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'जैसा कि सब जानते हैं, बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) न तो बीजेपी के एनडीए गठबंधन में है और न ही कांग्रेस के इंडिया समूह (गठबंधन) में है। हमारी पार्टी का उद्देश्य 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' के अंबेडकरवादी सिद्धांतों पर चलना है।'
मायावती ने आगे कहा कि दलित, आदिवासी एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी कुछ मीडिया बी.एस.पी. की छवि को धूमिल करने और राजनीतिक नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। इसलिए पार्टी के लोगों को सतर्क रहना चाहिए।
उन्होंने एक यूट्यूब चैनल द्वारा चलाए गए गलत, तथ्यहीन और विषैले समाचार की निंदा की, जिसमें कहा गया था कि 'मायावती बीजेपी के साथ आ गई हैं।' यह प्रयास चुनाव के पहले पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने का है।
मायावती ने कहा कि पार्टी के सदस्यों को मीडिया के इस प्रकार के षड्यंत्रों से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि जातिवादी तत्व हमेशा उनके अंबेडकरवादी कारवां को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।