क्या पटना साहिब विधानसभा सीट भाजपा का अभेद्य किला बनेगा 2025 के चुनावों में?

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क्या पटना साहिब विधानसभा सीट भाजपा का अभेद्य किला बनेगा 2025 के चुनावों में?

सारांश

क्या 2025 के बिहार चुनावों में पटना साहिब विधानसभा सीट भाजपा का अभेद्य किला बना रहेगा? जानिए नंद किशोर यादव की राजनीतिक यात्रा और सीट की महत्ता।

Key Takeaways

  • पटना साहिब सीट भाजपा का एक अभेद्य किला है।
  • नंद किशोर यादव ने लगातार सात बार जीत हासिल की है।
  • यह सीट शहरी निर्वाचन क्षेत्र है।
  • मतदाता विकास और भाजपा की साख पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
  • गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मभूमि है।

पटना, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पटना साहिब विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी का एक ऐसा अभेद्य किला है, जिसे भेदने में विरोधी दल पिछले कई दशकों से नाकाम रहे हैं। पटना साहिब की राजनीतिक चर्चा इस सीट पर लगातार सात बार जीत दर्ज कर चुके भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव के बिना अधूरी है।

यह सात जीत का सिलसिला अपने आप में एक राजनीतिक इतिहास है।

नंद किशोर यादव ने अपनी राजनीतिक यात्रा छात्र नेता के रूप में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व वाले 'संपूर्ण क्रांति' आंदोलन के दौरान शुरू की थी। देश में आपातकाल के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा, यहीं से उनका सक्रिय राजनीतिक जीवन शुरू हुआ। आज वह बिहार विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष और भाजपा के सबसे कद्दावर नेताओं में से एक हैं।

१९५७ से २००८ तक यह क्षेत्र 'पटना ईस्ट विधानसभा क्षेत्र' के नाम से जाना जाता था। नंद किशोर यादव ने इस सीट पर लगातार चार बार जीत दर्ज की। २००८ में परिसीमन के बाद सीट का नाम बदलकर 'पटना साहिब' हुआ और २०१० में पहला चुनाव हुआ। यहां से भी उन्होंने लगातार तीन बार विधायक के रूप में जीत हासिल की।

उनकी जीत का अंतर लगातार बढ़ता ही गया है। पटना साहिब पूरी तरह से एक शहरी निर्वाचन क्षेत्र है। यह सीट पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। २०२० के विधानसभा चुनावों ने एक बार फिर भाजपा के इस गढ़ को अभेद्य साबित कर दिया।

उस चुनाव में नंद किशोर यादव का सीधा मुकाबला इंडियन नेशनल कांग्रेस के उम्मीदवार प्रवीन सिंह से था। इस कांटे की टक्कर में भी यादव ने अपनी पकड़ बनाए रखी और भारी वोटों के एक बड़े अंतर से जीत हासिल की।

यह सीट भाजपा के पूर्ववर्ती दल भारतीय जनसंघ के दिनों से ही उसका गढ़ रहा है। यहां के मतदाता शहरी मुद्दों, विकास और भाजपा की स्थापित साख पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं।

पटना का नाम जब भी जुबान पर आता है, एक शांत और गहरी आस्था की भावना खुद ही मन में जागृत हो जाती है। वजह है सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मभूमि-तख्त श्री पटना साहिब। यह भव्य गुरुद्वारा सिख समुदाय के पांच तख्तों में से एक है और दुनियाभर के सिखों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है।

Point of View

NationPress
25/10/2025

Frequently Asked Questions

पटना साहिब विधानसभा सीट की राजनीतिक महत्वता क्या है?
पटना साहिब विधानसभा सीट भाजपा का एक प्रमुख गढ़ है और यहां के मतदाता शहरी मुद्दों और विकास पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
नंद किशोर यादव की राजनीतिक यात्रा कैसे शुरू हुई?
नंद किशोर यादव ने अपनी राजनीतिक यात्रा छात्र नेता के रूप में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में 'संपूर्ण क्रांति' आंदोलन के दौरान शुरू की थी।
पटना साहिब सीट का नाम कब और क्यों बदला?
२००८ में परिसीमन के बाद इस सीट का नाम 'पटना साहिब' रखा गया।