क्या केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने संसद भवन पर आतंकी हमले की बरसी पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी?
सारांश
Key Takeaways
- शहीदों का बलिदान हमारे लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- अमित शाह ने आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की साहस का स्मरण किया।
- हमेशा वीरता और साहस को सम्मानित करना चाहिए।
- इस घटना के माध्यम से राष्ट्र की एकता की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएसएस)। आज संसद भवन पर हुए हमले की 24वीं बरसी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और अन्य भाजपा नेताओं ने शहीदों को याद करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "आज का दिन आतंकवाद के खिलाफ हमारे सुरक्षाबलों के अदम्य शौर्य और साहस को याद करने का है, जब 2001 में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के मंदिर, हमारे संसद भवन पर हुए कायराना आतंकी हमले को उन्होंने अपने जज्बे से नाकाम किया। आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए वीरगति को प्राप्त होने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को नमन करता हूं। यह राष्ट्र वीर सेनानियों के त्याग और बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा।"
राजनाथ सिंह ने 'एक्स' पर लिखा, "संसद भवन पर हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले के दौरान अटूट ढाल बनकर खड़े बहादुर सुरक्षाकर्मियों को याद कर रहा हूं और उन्हें दिल से श्रद्धांजलि दे रहा हूं। उन्होंने हमारे लोकतंत्र की आत्मा की रक्षा के लिए अपनी जान दे दी। उनका साहस, सर्वोच्च बलिदान और कर्तव्य के प्रति अटूट भावना हमेशा देश की चेतना में जीवित रहेगी।"
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लिखा, "लोकतंत्र के मंदिर 'संसद भवन' पर 2001 में हुए कायराना आतंकी हमले में मां भारती की रक्षा हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी वीर सपूतों को विनम्र श्रद्धांजलि। उनका बलिदान भारत की लोकतांत्रिक आत्मा की रक्षा के प्रति उनका अडिग संकल्प था। राष्ट्र सदैव इन वीरों का ऋणी रहेगा।"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा, "'लोकतंत्र के मंदिर' भारत के संसद भवन पर आज ही के दिन 2001 में हुआ कायराना आतंकी हमला राष्ट्र की स्वायत्तता, स्वाभिमान और लोकशक्ति पर नृशंस आघात था। इस हृदय विदारक घटना में अपने प्राणों की आहुति देकर संसद की गरिमा और राष्ट्र की रक्षा करने वाले अमर वीरों को विनम्र श्रद्धांजलि। राष्ट्र सदैव उनका कृतज्ञ रहेगा। जय हिंद!"