क्या दीक्षा डागर ओलंपिक और डेफलंपिक्स खेलने वाली दुनिया की पहली गोल्फर हैं?

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क्या दीक्षा डागर ओलंपिक और डेफलंपिक्स खेलने वाली दुनिया की पहली गोल्फर हैं?

सारांश

दीक्षा डागर ने अपनी सफलता से साबित किया है कि शारीरिक अक्षमता भी किसी को रोक नहीं सकती। वह भारत की पहली महिला गोल्फर हैं जिन्होंने ओलंपिक और डेफलंपिक्स में भाग लिया। जानिए उनके सफर के बारे में।

Key Takeaways

  • दीक्षा डागर ने गोल्फ में अपनी पहचान बनाई है।
  • उन्होंने डेफलिंपिक्स में रजत और स्वर्ण जीते हैं।
  • दीक्षा का जन्म 14 दिसंबर 2000 को झज्जर, हरियाणा में हुआ।
  • वह भारत की पहली महिला गोल्फर हैं जिन्होंने ओलंपिक और डेफलंपिक्स में भाग लिया।
  • उनका योगदान गोल्फ को एक सशक्त खेल के रूप में स्थापित करना है।

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में गोल्फ धीरे-धीरे विकसित हो रहा है। दीक्षा डागर का नाम उन खिलाड़ियों में शामिल है जिन्होंने गोल्फ को देश में एक सशक्त खेल के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी भूमिका इसलिए भी खास है क्योंकि शारीरिक अक्षमता के बावजूद उन्होंने उस खेल में बड़ी सफलता प्राप्त की है जिसे देश में आज भी शीर्ष खेलों की सूची में शामिल होने का इंतजार है।

दीक्षा डागर का जन्म 14 दिसंबर 2000 को झज्जर, हरियाणा में हुआ था। दीक्षा बचपन से ही सुनने में कमजोर रही हैं। गोल्फ दीक्षा को विरासत में मिली है। उनके पिता नीरज डागर भी गोल्फर हैं। उन्होंने ही दीक्षा का परिचय गोल्फ से कराया। 6 साल की उम्र में उन्होंने गोल्फ खेलना शुरू किया। पिता गोल्फर थे, इसलिए खेल की तकनीक बेटी को जल्दी समझ में आ गई और इसका असर 2011 में दिखाई दिया।

2011 में 11 साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप जीता। इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2016 में इंग्लैंड के यॉर्कशायर में आयोजित विश्व जूनियर गोल्फ चैंपियनशिप में उन्होंने एक स्वर्ण और एक कांस्य पदक जीता, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।

2017 में ताइपे में हुए डेफलिंपिक्स में दीक्षा ने मिश्रित टीम इवेंट में रजत पदक जीता। इस आयोजन में पदक जीतने वाली वह भारत की पहली महिला गोल्फर बनीं। दीक्षा 'हेरिटेज लेडीज ओपन' और 'लागो ताहो ओपन' जैसे प्रमुख टूर्नामेंट जीत चुकी हैं। दीक्षा ने 2021 में टोक्यो ओलंपिक में भाग लिया। 24 साल की इस खिलाड़ी ने 2017 डेफलिंपिक्स में रजत जबकि 2021 और 2025 डेफलिंपिक्स में स्वर्ण जीता।

टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच और अमेरिकी गोल्फर टाइगर वुड्स को अपना प्रेरणास्रोत मानने वाली दीक्षा ओलंपिक्स और डेफलंपिक्स दोनों में हिस्सा लेने वाली इतिहास की पहली गोल्फर हैं। भारत सरकार ने 2023 में दीक्षा को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था।

दीक्षा डागर बेशक अपने आस-पास घटित होने वाली चीजों को सुनने में सक्षम न हों, लेकिन उनके गोल्फ स्टिक से निकलने वाली गेंद की गूंज पूरी दुनिया सुनती है। दृढ़ इच्छाशक्ति की धनी इस खिलाड़ी से भारत को भविष्य में बड़ी उम्मीद है।

Point of View

हमें गर्व है कि भारत में ऐसे खिलाड़ी हैं जो न केवल खेल को बढ़ावा देते हैं बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाते हैं।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

दीक्षा डागर किस खेल में विशेषज्ञता रखती हैं?
दीक्षा डागर गोल्फ में विशेषज्ञता रखती हैं।
दीक्षा डागर ने कौन-कौन से पुरस्कार जीते हैं?
दीक्षा ने अर्जुन पुरस्कार, डेफलिंपिक्स में रजत और स्वर्ण पदक जैसे पुरस्कार जीते हैं।
दीक्षा डागर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
दीक्षा डागर का जन्म 14 दिसंबर 2000 को झज्जर, हरियाणा में हुआ था।
दीक्षा डागर की प्रेरणास्रोत कौन हैं?
दीक्षा डागर का प्रेरणास्रोत टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच और गोल्फर टाइगर वुड्स हैं।
भारत में गोल्फ के प्रति दीक्षा डागर का योगदान क्या है?
दीक्षा ने गोल्फ को एक सशक्त खेल के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
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