क्या 2025 में 'नीरज चोपड़ा क्लासिक' के माध्यम से भारत ने जैवलिन में दम दिखाया?

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क्या 2025 में 'नीरज चोपड़ा क्लासिक' के माध्यम से भारत ने जैवलिन में दम दिखाया?

सारांश

नीरज चोपड़ा की उपलब्धियों ने जैवलिन को भारत में नई पहचान दिलाई है। अब, 'नीरज चोपड़ा क्लासिक' इवेंट का आयोजन भारत की बढ़ती शक्ति को दर्शाता है। यह इवेंट न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर जैवलिन के खेल में एक नया मील का पत्थर है।

Key Takeaways

  • नीरज चोपड़ा की उपलब्धियां भारत के लिए गर्व का विषय हैं।
  • 'नीरज चोपड़ा क्लासिक' भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
  • भारत में जैवलिन की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
  • इवेंट ने 15,000 दर्शकों की उपस्थिति से सफलता प्राप्त की।
  • भारत अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जैवलिन प्रतियोगिताओं का आयोजन करने में सक्षम है।

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण पदक जीता था। वह इस खेल में पदक जीतने वाले भारत के पहले एथलीट बने। नीरज की इस सफलता ने भारत में इस खेल को नई पहचान दिलाई। 2024 में पेरिस में आयोजित ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने रजत पदक जीतकर फिर से अपनी ताकत साबित की। नीरज की लगातार दो ओलंपिक में प्राप्त की गई उपलब्धियों ने दुनिया को यह संदेश दिया कि जैवलिन में भारत एक वैश्विक शक्ति बन चुका है।

नीरज की वैश्विक स्तर पर बड़ी सफलता के बाद अब विश्वभर के प्रशंसक इस बात का इंतजार कर रहे थे कि भारत कब जैवलिन के किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के इवेंट का आयोजन करेगा। इस इंतजार को समाप्त करते हुए नीरज चोपड़ा ने अपने नाम से 'नीरज चोपड़ा क्लासिक' इवेंट की शुरुआत 2025 में की।

5 जुलाई 2025 को बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में 'नीरज चोपड़ा क्लासिक 2025' का पहला संस्करण आयोजित किया गया। यह भारत का पहला अंतरराष्ट्रीय भाला फेंक टूर्नामेंट था, जो वर्ल्ड एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर गोल्ड लेवल का हिस्सा बना। इस आयोजन की शुरुआत नीरज चोपड़ा की व्यक्तिगत पहल से हुई। जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स के सहयोग और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) की मान्यता से यह टूर्नामेंट संभव हो सका। मूल रूप से पंचकूला में प्रस्तावित यह इवेंट बेंगलुरु में स्थानांतरित किया गया, जिसका कारण वहां का बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और लाइटिंग की सुविधा थी। भारत-पाकिस्तान तनाव के चलते इस इवेंट को पहले स्थगित भी करना पड़ा था। मुकाबले के दौरान 15,000 दर्शकों की मौजूदगी ने इसे सफल बनाया।

इस इवेंट में कुल 12 एथलीटों ने भाग लिया, जिनमें सात अंतरराष्ट्रीय और पांच भारतीय थे। प्रमुख अंतरराष्ट्रीय नामों में ग्रेनेडा के दो बार के विश्व चैंपियन एंडरसन पीटर्स, जर्मनी के 2016 ओलंपिक स्वर्ण विजेता थॉमस रोहलर, केन्या के 2015 विश्व चैंपियन जूलियस येगो और अमेरिकी कर्टिस थॉम्पसन शामिल थे। भारतीयों में नीरज के अलावा सचिन यादव, रोहित यादव, सहिल सिलवाल और यशवीर सिंह ने हिस्सा लिया। नीरज चोपड़ा ने 86.18 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंककर विजेता बने। केन्या के जूलियस येगो दूसरे और श्रीलंका के रुमेश पथिरेज तीसरे स्थान पर रहे। भारत के सचिन यादव चौथे स्थान पर रहे।

'नीरज चोपड़ा क्लासिक' का आयोजन इस बात का उदाहरण था कि भारत न सिर्फ जैवलिन की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में दबदबा बनाने में सक्षम है, बल्कि ऐसी प्रतियोगिताओं के आयोजन में भी पूर्ण रूप से सक्षम है।

Point of View

'नीरज चोपड़ा क्लासिक' का आयोजन भारत की खेल संस्कृति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह न केवल नीरज चोपड़ा की व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारत की बढ़ती खेल क्षमता को भी दर्शाता है।
NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

नीरज चोपड़ा ने कब पहला ओलंपिक पदक जीता?
नीरज चोपड़ा ने 2021 के टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता।
'नीरज चोपड़ा क्लासिक' कब आयोजित हुआ?
'नीरज चोपड़ा क्लासिक' का आयोजन 5 जुलाई 2025 को हुआ।
इस इवेंट में कितने एथलीटों ने भाग लिया?
इस इवेंट में कुल 12 एथलीटों ने भाग लिया।
इस इवेंट का आयोजन कहाँ हुआ?
यह इवेंट बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में आयोजित हुआ।
नीरज चोपड़ा ने इस इवेंट में कितना थ्रो फेंका?
नीरज चोपड़ा ने 86.18 मीटर का सर्वश्रेष्ठ थ्रो फेंककर विजेता बने।
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