क्या इस हफ्ते सोने की कीमत 4,000 रुपए से अधिक बढ़ी है, चांदी 1.95 लाख रुपए के पार?
सारांश
Key Takeaways
- इस हफ्ते सोने की कीमत में 4,000 रुपए की वृद्धि हुई।
- चांदी की कीमत में 17,000 रुपए का इजाफा हुआ।
- अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेजी का प्रभाव घरेलू कीमतों पर पड़ा।
- सोने और चांदी की कीमतों में यह वृद्धि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर डाल सकती है।
- चांदी की मांग में वृद्धि हो रही है, जो कीमतों को प्रभावित कर रही है।
नई दिल्ली, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस हफ्ते सोने और चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। इस दौरान, सोने की कीमतों में 4,000 रुपए प्रति 10 ग्राम और चांदी की कीमतों में लगभग 17,000 रुपए प्रति किलो का इजाफा हुआ है।
इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के अनुसार, 24 कैरेट सोने की कीमत 4,188 रुपए बढ़कर 1,32,710 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो एक हफ्ते पहले 1,28,592 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।
22 कैरेट सोने का मूल्य बढ़कर 1,21,562 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है, जो पहले 1,17,777 रुपए प्रति 10 ग्राम था। 18 कैरेट सोने की कीमत 99,533 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो पहले 96,444 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।
चांदी की कीमतों में सोने की तुलना में अधिक उछाल देखा गया। चांदी की कीमत 16,970 रुपए बढ़कर 1,95,180 रुपए प्रति किलो हो गई है, जो कि एक हफ्ते पहले 1,78,210 रुपए प्रति किलो थी।
घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में तेजी का कारण अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बनी तेजी है, जिसके चलते दोनों कीमती धातुओं की कीमतें ऑल-टाइम हाई के करीब पहुँच गई हैं। कॉमेक्स पर सोने की कीमत 4,328 डॉलर प्रति औंस और चांदी की कीमत 62 डॉलर प्रति औंस है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सोने और चांदी की कीमतों में इस वृद्धि का मुख्य कारण अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में कमी और डॉलर का अन्य मुद्राओं के मुकाबले कमजोर होना है।
चांदी के मूल्य में तेज वृद्धि का एक और कारण सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) और 5जी टेक्नोलॉजी में चांदी की बढ़ती मांग है। मांग में वृद्धि और आपूर्ति में कमी के कारण कीमतें ऊपर गईं।
इसके अलावा, बाजार में यह चिंता भी है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चांदी पर आयात शुल्क (टैरिफ) लगा सकते हैं। अमेरिका अपनी जरूरत की लगभग दो-तिहाई चांदी आयात करता है। इस डर से अमेरिकी कंपनियों ने चांदी जमा करना शुरू कर दिया है, जिससे वैश्विक बाजार में कमी आई और कीमतें तेजी से बढ़ गईं।