क्या पीएम मोदी और एनडीए दलितों के हितैषी हैं? जीतन राम मांझी

सारांश
Key Takeaways
- माता जानकी मंदिर का शिलान्यास 67 एकड़ भूमि में हुआ है।
- इसकी लागत 882.87 करोड़ रुपये है।
- प्रधानमंत्री मोदी और एनडीए दलितों के हित में कार्य कर रहे हैं।
- विपक्ष के आरोपों को लेकर जीतन राम मांझी ने स्पष्ट विचार साझा किए।
- नीति आयोग ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया।
पटना, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम में माता जानकी मंदिर का शिलान्यास और भूमि पूजन किया। अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर की तर्ज पर इस मंदिर परिसर का निर्माण 67 एकड़ भूमि में किया जा रहा है, जिसकी कुल लागत 882.87 करोड़ रुपये है।
इस ऐतिहासिक धार्मिक आयोजन को लेकर एनडीए नेताओं में उत्साह है। इसको लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। उनका कहना था कि दलितों के लिए जितना हितैषी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए हैं, उतना विपक्ष नहीं है।
नीति आयोग ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से मना कर दिया था। आयोग ने कहा कि हम किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं देंगे। ऐसे में उसे मुआवजा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी प्रदेश के विकास को लेकर कई उपाय कर रहे हैं। उसी के क्रम में सीतामढ़ी में माता जानकी मंदिर का शिलान्यास हुआ। लोगों ने पूछा कि मिथिलांचल के लिए क्या किया है, तो अमित शाह ने दर्जनों योजनाओं का नाम बताया, जिसमें मखाना बोर्ड और कोसी कैनाल समेत कई रेलवे योजनाओं का जिक्र किया। इससे हम समझते हैं कि विरोधियों का मुंह बंद होना चाहिए।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के लगातार चुनाव आयोग पर लगाए जा रहे आरोपों को लेकर उन्होंने कहा कि आरोप लगाना अलग बात है, चुनाव आयोग ने कहा है कि राहुल गांधी इस बात को साबित करें। एफिडेविट करने की बात की गई है, इसका मतलब है कि राहुल झूठ का हल्ला कर रहे हैं।
जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने मंगल पांडे पर एंबुलेंस घोटाले का आरोप लगाया है। इस पर जीतन राम मांझी ने कहा कि इन सभी के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं।