क्या पीएम मोदी का 'सबका साथ, सबका विकास' विपक्ष की 'परिवार का साथ, परिवार का विकास' से बेहतर है?

सारांश
Key Takeaways
- सबका साथ, सबका विकास का नारा बिहार की एनडीए सरकार की पहचान है।
- विपक्ष पर तीखे आरोप, केवल अपने परिवारों का विकास करने का आरोप।
- बिहार में विकास की दिशा में एनडीए सरकार का प्रयास जारी।
- बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान, विपक्ष का नकारात्मक रवैया।
- सीवान में 5,900 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन।
सीवान, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बिहार के सीवान में आयोजित जनसभा में विपक्ष पर तीखा हमला किया। उन्होंने बिहार की एनडीए सरकार की सराहना की और कहा, 'हमारा नारा है- सबका साथ, सबका विकास', जबकि ये लालटेन और पंजे वाले केवल अपने परिवार का विकास करते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि इनकी राजनीति का असली मतलब अपने परिवारों के लाभ के लिए बिहार के करोड़ों परिवारों का नुकसान करना है। सीवान के जसौली में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "आप सबको पता है कि मैं हाल ही में विदेश से लौटा हूं। वहां के नेता भारत की तेज प्रगति से बहुत प्रभावित हैं और बिहार की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है।"
उन्होंने कहा कि बिहार के लोग स्वाभिमानी होते हैं और कठिनाइयों में भी कामयाबी हासिल करते हैं। जंगलराज की कहानियां सुनने वाले आज के युवा उस समय को नहीं देख पाए, जब हालात इतने बदतर थे।
पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार को विकास की सही दिशा में लाने में बहुत मेहनत की है और आगे भी इस दिशा में काम करते रहेंगे।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर भी इस प्रकार की राजनीति के खिलाफ थे, और हाल में राजद द्वारा उनकी तस्वीर का अपमान किया गया।
इससे पहले उन्होंने सीवान जिले में लगभग 5,900 करोड़ रुपये की लागत से 28 परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी उपस्थित थे।