क्या प्रवासी भारतीय मनीष तिवारी का कहना है, 'आतंकवाद से निपटने के लिए दोनों देशों को एक-दूसरे की जरूरत है'?

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क्या प्रवासी भारतीय मनीष तिवारी का कहना है, 'आतंकवाद से निपटने के लिए दोनों देशों को एक-दूसरे की जरूरत है'?

सारांश

ओटावा में जी 7 सम्मेलन में प्रवासी भारतीय मनीष तिवारी ने पीएम मोदी की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए आपसी सहयोग आवश्यक है। आतंकवाद से निपटने के लिए भारत और कनाडा को एकजुट होना होगा।

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी का जी 7 सम्मेलन में भाग लेना महत्वपूर्ण है।
  • दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारना आवश्यक है।
  • आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता आवश्यक है।
  • सीएसआईएस की रिपोर्ट ने भारत के दावों की पुष्टि की है।
  • खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ सुरक्षा को बढ़ाना होगा।

ओटावा, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। प्रवासी भारतीय मनीष तिवारी ने कनाडा में आयोजित जी 7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के भाग लेने के कदम की सराहना की। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेकर दोनों देशों के बीच संबंधों को मधुर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसकी सराहना होनी चाहिए। दोनों ही देशों को एक-दूसरे की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि इस दुनिया में अनेक देश हैं, लेकिन यह बात खारिज नहीं की जा सकती कि कनाडा में कई संस्कृतियों के लोग रहते हैं, जिनके हित भिन्न हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि दोनों देशों के बीच संबंध अच्छे बने रहें। किसी भी विषय पर मतभेद न हों। यदि मतभेद हैं, तो उन्हें वार्ता के माध्यम से सुलझाना आवश्यक है। प्रधानमंत्री मोदी के जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने और कनाडा के प्रधानमंत्री से बातचीत करने से दोनों देशों के बीच के संबंधों में सुधार हुआ है।

उन्होंने आगे कहा कि यदि दोनों देश मिलकर काम करें, तो निश्चित रूप से निकट भविष्य में कई नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे। हम दोनों देश हर क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियाँ प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के कनाडा आगमन से स्पष्ट हो गया है कि दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्ष अब संबंधों को सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठा चुके हैं।

साथ ही, उन्होंने 'कैनेडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस' (सीएसआईएस) रिपोर्ट पर कहा कि जब हम आतंकवाद की बात करते हैं, तो हमें समझना होगा कि यह सम्पूर्ण विश्व के लिए हानिकारक है। भारत हमेशा से आतंकवाद का शिकार रहा है। ऐसी स्थिति में दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्षों को एक साथ आना होगा और यह तय करना होगा कि शांति कैसे स्थापित की जाए और कैसे विकास का मार्ग प्रशस्त किया जाए। यह तभी संभव होगा जब दोनों देशों के प्रधानमंत्री एक साथ आएंगे। मुझे खुशी है कि पीएम मोदी ने इस दिशा में कदम उठाया है। निश्चित रूप से हमें इसके सकारात्मक परिणाम भविष्य में देखने को मिलेंगे।

बता दें कि कनाडा की प्रमुख खुफिया एजेंसी, कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस), ने पहली बार यह खुलासा किया है कि खालिस्तानी चरमपंथी कनाडा की भूमि का इस्तेमाल भारत के खिलाफ हिंसा फैलाने, धन जुटाने और साजिशें रचने के लिए कर रहे हैं। सीएसआईएस की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ये चरमपंथी कनाडा को भारत में हिंसा भड़काने का आधार बना रहे हैं।

भारत लंबे समय से यह कहता आया है कि कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथी सक्रिय हैं और वहां से भारत विरोधी गतिविधियाँ चला रहे हैं। हालांकि, कनाडा ने पहले इस मुद्दे पर अधिक ध्यान नहीं दिया। अब सीएसआईएस की रिपोर्ट ने भारत के दावों की पुष्टि कर दी है कि कनाडा खालिस्तानी चरमपंथियों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन गया है।

Point of View

NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

क्यों प्रवासी भारतीय मनीष तिवारी ने पीएम मोदी की भागीदारी की सराहना की?
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का जी 7 सम्मेलन में भाग लेना भारत और कनाडा के रिश्तों को मधुर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
सीएसआईएस रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
सीएसआईएस ने खुलासा किया है कि खालिस्तानी चरमपंथी कनाडा की भूमि का उपयोग भारत के खिलाफ हिंसा फैलाने के लिए कर रहे हैं।