क्या राहुल गांधी की राजनीति में स्पष्टता की कमी है? - शांभवी चौधरी

सारांश
Key Takeaways
- बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ तेज हो गई हैं।
- राहुल गांधी की राजनीति में स्पष्टता की कमी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- चक्का जाम का आयोजन 9 जुलाई को होगा।
- महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय सराहनीय है।
पटना, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आयोग द्वारा वोटर लिस्ट रिवीजन कराने के चलते राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। इंडी अलायंस 9 जुलाई को पटना में चक्का जाम करने का ऐलान कर चुकी है। इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ अन्य दलों के प्रमुख नेताओं की उपस्थिति की उम्मीद की जा रही है।
चक्का जाम की घोषणा पर लोजपा (रामविलास) सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी की राजनीति में स्पष्टता की कमी है।
मंगलवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में लोजपा सांसद ने कहा कि राहुल गांधी स्वयं ऐसे नेता हैं जो दूसरे राज्यों में जाकर कहते हैं कि वोटर लिस्ट में रिवीजन होना चाहिए। लेकिन जब बिहार की बारी आती है, तो वह इसके खिलाफ हो जाते हैं। यह कैसी दोहरी मानसिकता है? बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में वोटर लिस्ट में रिवीजन होना तो कोई गलत बात नहीं है। राहुल गांधी को इसमें सिर्फ राजनीति नजर आती है।
लोजपा सांसद ने कहा कि राहुल गांधी को यह नहीं समझ आ रहा है कि उन्हें राजनीति में क्या करना है। थोड़ा स्पष्ट रहना चाहिए। बिहार में आयोग द्वारा एक सर्वेक्षण किया जा रहा है। बिहार के वोटरों को चिन्हित किया जाएगा। इसमें क्या गलत है? राज्य के नागरिकों को चिन्हित किए जाने पर विपक्ष को एतराज क्यों है? तेजस्वी यादव के बयान पर उन्होंने कहा कि यह निर्णय सरकार का नहीं है, बल्कि आयोग का है। आयोग ने कहा है कि वह 25 दिन में पूरा काम कर लेंगे। उनके पास सभी आवश्यक संसाधन मौजूद हैं।
बिहार सरकार की नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण लागू करने पर लोजपा सांसद ने सरकार के इस निर्णय की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से बिहार की बेटियों को सरकारी नौकरी में काफी सहारा मिलेगा।