क्या राहुल गांधी मुस्लिमों के मुद्दे पर संसद में खामोश रहे? - कशिश वारसी

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने मुसलमानों के मुद्दे पर संसद में चुप्पी साधी।
- कशिश वारसी ने मोदी सरकार से मुसलमानों के लिए हिस्सेदारी की मांग की।
- राजनीतिक दलों को मुसलमानों के मुद्दों पर गंभीर होना चाहिए।
- मुसलमानों को अपने वोट का समझदारी से उपयोग करना चाहिए।
- कांग्रेस केवल चुनावी राजनीति कर रही है।
मुरादाबाद, २ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय सूफी फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी कशिश वारसी ने कांग्रेस और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर तीखा हमला किया है और मुसलमानों के लिए मोदी सरकार से सत्ता में हिस्सेदारी की मांग की। उनका कहना है कि राहुल गांधी संसद में मुसलमानों के मुद्दे पर खामोश रहे।
कशिश वारसी ने आगे कहा कि यह दुखद है कि कांग्रेस, जो मुस्लिम वोटों की राजनीति करती है, यह दावा करती है कि वह मुसलमानों की हितैषी है, लेकिन उनके नेता संसद में मुसलमानों के मुद्दे पर चुप रहे। जब वे कहते हैं कि हम पूरा साथ देंगे, तब वे वक्फ के मुद्दे पर संसद से बाहर चले जाते हैं। उन्होंने संसद से बाहर निकलकर एक अच्छा कदम उठाया, ताकि यह न कहा जाए कि वे वक्फ माफिया के नेता हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों को सिर्फ चुनावों में इस्तेमाल करती हैं। चुनाव खत्म होते ही मुसलमानों को भुला दिया जाता है। मुस्लिमों के दर्द की कोई बात नहीं करता। एक ओर राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों को हितैषी बताती हैं, लेकिन दूसरी ओर उनके साथ नहीं खड़ी होतीं।
सूफी कशिश वारसी ने केंद्र की मोदी सरकार के नारे 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने मुसलमानों के लिए योजनाओं का लाभ उठाया है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की है कि वे आगामी चुनावों में ऐसे नेताओं को वोट दें, जो उनके हक की बात करें।
कशिश वारसी ने कहा कि यदि भाजपा मुसलमानों के वोट चाहती है, तो उसे सरकार में मुसलमानों को हिस्सेदारी देनी चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि सूफियों को सत्ता में भागीदारी मिलनी चाहिए। क्या राहुल गांधी को सिर्फ मुसलमानों के वोट की जरूरत है? इस पर कशिश वारसी ने कहा कि राहुल गांधी को केवल मुस्लिम वोट चाहिए। अब राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी अपने दाग को धोना चाहती है।