क्या राज ठाकरे और बच्चू कडू की मुलाकात चुनावी रणनीति है?

सारांश
Key Takeaways
- बच्चू कडू और राज ठाकरे की मुलाकात में किसानों के मुद्दे प्रमुख रहे।
- मनसे नेता ने स्पष्ट किया कि यह मुलाकात चुनावी नहीं थी।
- कर्जमाफी के लिए आंदोलन जारी है।
- मराठवाड़ा में पदयात्रा का आयोजन किया जा रहा है।
- किसानों के अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
मुंबई, ६ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने बुधवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलें तेज हो गई हैं कि ये दोनों नेता बीएमसी चुनाव में एकजुट हो सकते हैं। हालांकि, मनसे नेता बाला नंदगांवकर ने बताया कि यह मुलाकात चुनावी संदर्भ में नहीं थी। उन्होंने कहा कि यह बैठक किसानों और दिव्यांगों के मुद्दों पर चर्चा के लिए थी।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बाला नंदगांवकर ने स्पष्ट किया कि बच्चू कडू और राज ठाकरे के बीच चर्चा का मुख्य केन्द्र किसानों और दिव्यांगों के मुद्दे थे, और इसे बीएमसी चुनाव से जोड़ने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने बताया कि कडू पहले से ही कर्जमाफी के लिए आंदोलन कर रहे हैं और हमने इस लड़ाई में उनका समर्थन किया था। मैं स्वयं उनकी पदयात्रा में भाग लूँगा। मराठवाड़ा में उनकी पदयात्रा शुरू होने वाली है, और उन्होंने राज ठाकरे से अनुरोध किया है कि वह इसमें शामिल हों।
उन्होंने कहा कि यदि वहाँ एक सभा होती है, तो यह किसानों के लिए लाभकारी होगा।
बीएमसी चुनाव में मनसे और उनके संगठन के एक साथ आने पर उन्होंने कहा कि हर चीज को चुनाव से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। चुनाव आएंगे और जाएंगे, लेकिन किसानों और कामगारों की समस्याएँ हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जब चुनाव का समय आएगा, तब देखा जाएगा।
पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट भी की। उन्होंने लिखा, "मैंने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे से शिवतीर्थ में मुलाकात की। इस बैठक में किसानों के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। राज साहब के मार्गदर्शन में किसानों को राहत पहुँचाने के लिए आगामी आंदोलन की दिशा और नीतियों पर मंथन किया गया। मराठवाड़ा से शुरू होने वाली ऋण माफी यात्रा के लिए राज ठाकरे को औपचारिक निमंत्रण दिया गया। उन्होंने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। इस बैठक के माध्यम से किसानों के अधिकारों के लिए लड़ने का दृढ़ संकल्प फिर से उजागर हुआ।"