क्या 'स्वर्ग से उतरी अप्सरा' रति अग्निहोत्री ने बॉलीवुड में अपनी धाक जमाई है?
सारांश
Key Takeaways
- संघर्ष और लगन ही सफलता की कुंजी है।
- हर रोल को महत्व देना चाहिए, चाहे वह बड़ा हो या छोटा।
- रति ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई।
- परिवार को प्राथमिकता देना भी जरूरी है।
- बेटे का करियर भी गर्व का विषय है।
मुंबई, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग में कई कलाकार आते हैं, लेकिन कुछ अपनी मेहनत और लगन से ऐसे स्थान पर पहुँचते हैं कि लोग उन्हें लंबे समय तक याद रखते हैं। रति अग्निहोत्री भी उन्हीं में से एक हैं। एक समय पर, उन्हें 'स्वर्ग से उतरी अप्सरा' के नाम से जाना जाता था और उनकी खूबसूरती और अभिनय की तारीफ की जाती थी।
हालांकि, समय के साथ उनकी ज़िंदगी में कई परिवर्तन आए। जब वह बड़े पर्दे पर सुपरस्टार बनीं, तो उन्होंने साइड रोल करना शुरू किया। रति की विशेषता यही रही कि चाहे उनका रोल बड़ा हो या छोटा, उन्होंने हमेशा अपना 100 प्रतिशत दिया।
रति अग्निहोत्री का जन्म 10 दिसंबर 1960 को उत्तर प्रदेश के बरेली में एक पंजाबी परिवार में हुआ। बचपन से ही उन्हें अभिनय और मॉडलिंग का बहुत शौक था। मात्र 10 साल की उम्र में उन्होंने काम करना शुरू कर दिया था। उनकी मेहनत और प्रतिभा के चलते, उन्हें 16 साल की उम्र में तमिल फिल्म 'पुदिया वरपुकल' में काम करने का अवसर मिला। इस तरह रति ने फ़िल्मों की दुनिया में कदम रखा और जल्दी ही पहचान बना ली।
उनकी पहली तमिल फिल्म एक ब्लॉकबस्टर साबित हुई और इसके बाद उन्हें कई तमिल, तेलुगु और कन्नड़ फिल्मों के ऑफर मिलने लगे। उन्होंने कई बड़े सितारों जैसे कमल हासन, रजनीकांत और चिरंजीवी के साथ काम किया। हिंदी फिल्मों में उनकी एंट्री 1981 में फिल्म 'एक दूजे के लिए' से हुई। इस फिल्म में उन्होंने कमल हासन के साथ स्क्रीन साझा की और यह फिल्म हिट रही। इसने रति को रातों-रात स्टार बना दिया। उनके अभिनय की प्रशंसा हुई और उन्हें पहली बार फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस के लिए नॉमिनेशन भी मिला।
1980 के दशक में रति ने 'कुली', 'तवायफ', 'मैं आवारा हूं', 'अय्याश', 'शौकीन', 'मुझे इंसाफ चाहिए', 'मेरा फैसला', 'पसंद अपनी अपनी' और 'फर्ज और कानून' जैसी कई बेहतरीन हिंदी फिल्मों में काम किया। उनका करियर तेजी से ऊंचाइयों पर पहुंचा। लेकिन 1985 में उन्होंने आर्किटेक्ट अनिल विरवानी से शादी कर ली और फिल्मों से दूरी बना ली। इस फैसले के पीछे उनकी शादी और परिवार को प्राथमिकता देना था।
हालांकि, शादी के बाद भी उन्हें कई फिल्मों के ऑफर आए, लेकिन उन्होंने केवल चुनिंदा साइड रोल ही किए। 2001 में रति ने फिल्म 'कुछ खट्टी कुछ मीठी' से फिल्मों में वापसी की। इसके बाद उन्हें बड़े रोल के बजाय साइड रोल ही मिले, लेकिन उन्होंने हर रोल को पूरी मेहनत और लगन से निभाया। उन्होंने 'ये है जलवा', 'क्रांति', 'देव', 'क्यों हो गया ना...', 'दिल ने जिसे अपना कहा', 'हम तुम' और 'पहचान' जैसी फिल्मों में साइड रोल कर अपनी अलग पहचान बनाई।
रति को उनके करियर के दौरान कई पुरस्कारों के लिए नॉमिनेशन मिला। उनके बेटे तनुज विरवानी भी अब अभिनय में करियर बना रहे हैं।