क्या ‘आरएसएस’ पर बैन हटाना एक गलती थी? कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने अपने बयान पर दी सफाई

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क्या ‘आरएसएस’ पर बैन हटाना एक गलती थी? कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने अपने बयान पर दी सफाई

सारांश

कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने आरएसएस पर बैन हटाने को एक गंभीर गलती बताया। उन्होंने भाजपा के संविधान पर भी सवाल उठाए और आरएसएस के विचारधारा की आलोचना की। जानें इस विवादित बयान के पीछे की सच्चाई और खड़गे के विचारों का असर क्या हो सकता है।

Key Takeaways

  • आरएसएस पर बैन हटाना गलती थी।
  • संविधान के प्रति आरएसएस की एलर्जी
  • सामाजिक समानता की आवश्यकता।
  • कर्नाटक में कोई बदलाव नहीं होगा।
  • प्रियांक खड़गे की घोषणा

बेंगलुरु, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे और कर्नाटक सरकार के मंत्री प्रियांक खड़गे ने ‘आरएसएस’ पर बैन लगाने के अपने बयान पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने एक बार फिर कहा कि आरएसएस से बैन हटाना एक गलती थी।

कर्नाटक में मंत्री प्रियांक खड़गे ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "पहले भाजपा के संविधान को देखना चाहिए, जिसमें धर्मनिरपेक्षता का जिक्र है। पहले उसे धर्मनिरपेक्षता से हटाना चाहिए और फिर संविधान के बारे में चर्चा होनी चाहिए। आरएसएस को संविधान से एलर्जी है, जब बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा में इसका प्रस्ताव रखा, तब से उन्हें इससे दिक्कत है। आरएसएस को मनुस्मृति से प्यार है।"

प्रियांक खड़गे ने आगे कहा, "संविधान में अगर कोई संशोधन आएगा भी तो वह केवल आर्थिक होगा। सामाजिक सशक्तीकरण की बात होगी, न कि देश को बांटने के लिए कोई संशोधन किया जाएगा। क्या हम एक सोशलिस्ट देश नहीं हैं? क्या हम एक सेक्युलर देश नहीं हैं? तो फिर वे इसके खिलाफ क्यों हैं? क्योंकि यह आरएसएस का एजेंडा है, वन नेशन वन रिलीजन। आरएसएस पहले भी बैन हुआ था, यह प्रतिबंध हटाना हमारी गलती थी।"

खड़गे ने आरएसएस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "आरएसएस का हमेशा से 'एक राष्ट्र, एक धर्म' का एजेंडा रहा है। यह कोई नई बात नहीं है। उन्हें हमेशा से संविधान से एलर्जी रही है, क्योंकि यह हमें सम्मान और आत्मसम्मान का जीवन देता है। यह हर धर्म और हर जाति को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक समानता प्रदान करता है।"

कर्नाटक में कांग्रेस घमासान पर उन्होंने कहा, "जब सीएम, डिप्टी सीएम और कांग्रेस अध्यक्ष ने बता दिया कि राज्य में कोई बदलाव नहीं होगा, तो नहीं होगा।"

प्रियांक खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा था, "विश्वास कीजिए, जिस दिन मुझे पर्याप्त शक्ति मिलेगी, मैं आरएसएस की जहरीली, राष्ट्र-विरोधी मशीनरी को नष्ट करने के लिए हर संवैधानिक टूल का इस्तेमाल करूंगा।"

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रियांक खड़गे का बयान केवल एक राजनीतिक बयान नहीं है, बल्कि यह आरएसएस की विचारधारा के प्रति गहरी असहमति को दर्शाता है। हमें विचार करना चाहिए कि क्या हम एक समावेशी समाज की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं या नहीं।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

प्रियांक खड़गे ने आरएसएस पर बैन हटाने को क्यों गलती बताया?
प्रियांक खड़गे का कहना है कि आरएसएस पर बैन हटाना एक गलती है क्योंकि इसे संविधान से एलर्जी है और यह एक धर्मनिरपेक्ष देश के सिद्धांतों के खिलाफ है।
क्या आरएसएस का संविधान से कोई संबंध है?
खड़गे का कहना है कि आरएसएस को संविधान से दिक्कत है क्योंकि यह सामाजिक समानता और अधिकारों की रक्षा करता है।
कर्नाटक में कांग्रेस का क्या स्टैंड है?
कर्नाटक में कांग्रेस का स्पष्ट स्टैंड है कि राज्य में कोई बदलाव नहीं होगा, जैसा कि सीएम और उपमुख्यमंत्री ने कहा है।
प्रियांक खड़गे का सोशल मीडिया पर क्या कहना है?
उन्होंने कहा है कि जब उन्हें पर्याप्त शक्ति मिलेगी, तो वह आरएसएस की राष्ट्र-विरोधी मशीनरी को नष्ट करने के लिए हर संवैधानिक टूल का इस्तेमाल करेंगे।
क्या आरएसएस का एजेंडा हमेशा से एक धर्म का रहा है?
हां, प्रियांक खड़गे के अनुसार, आरएसएस का हमेशा से 'एक राष्ट्र, एक धर्म' का एजेंडा रहा है।