क्या सनातन बोर्ड के गठन से भारत में धर्मांतरण रुकेगा? : देवकीनंदन ठाकुर

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क्या सनातन बोर्ड के गठन से भारत में धर्मांतरण रुकेगा? : देवकीनंदन ठाकुर

सारांश

मथुरा में आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन बोर्ड के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह बोर्ड न केवल धर्मांतरण को रोकेगा, बल्कि समाज में एकता और संस्कृति को भी मजबूत करेगा। जानिए उनके विचार और सुझाव।

Key Takeaways

  • सनातन बोर्ड का गठन धर्मांतरण को रोकने में सहायक होगा।
  • गुरुकुल प्रणाली और अस्पतालों की स्थापना जरूरी है।
  • फर्जी अकाउंट्स के खिलाफ सख्त कानून बनाना चाहिए।
  • कावड़ यात्रा को पुण्य का कार्य माना जाना चाहिए।
  • संस्कृति की सुरक्षा के लिए समाज में एकता की आवश्यकता है।

मथुरा, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन बोर्ड के गठन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यदि सनातन बोर्ड पहले से मौजूद होता तो भारत में सनातनियों के साथ होने वाली अन्याय की स्थिति नहीं होती।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि कुछ लोग धन, चिकित्सा या कपड़ों जैसी बुनियादी जरूरतों को पूरा करके दूसरों का धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं। लेकिन, अगर सनातन बोर्ड के अंतर्गत शिक्षा के लिए गुरुकुल प्रणाली, चिकित्सा के लिए अस्पताल और जरूरतमंद बहनों और बेटियों की सहायता के लिए धन उपलब्ध हो, तो कोई भी धर्म परिवर्तन की ओर नहीं जाएगा।

देवकीनंदन महाराज ने कहा कि सनातन बोर्ड के गठन से भारत में 90 प्रतिशत तक धर्मांतरण रुक जाएगा और कोई भी ऐसा करने की हिम्मत नहीं करेगा।

सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट्स के दुरुपयोग पर भी उन्होंने कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया कि फर्जी अकाउंट्स के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि फर्जी अकाउंट बनाने वालों की पहचान कर तुरंत जांच की जाए और कम से कम तीन साल की सजा का प्रावधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग फर्जी अकाउंट्स के जरिए समाज में विभाजन, जातिगत संघर्ष और सनातन धर्म, देवी-देवताओं व आस्था का अपमान कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई जरूरी है।

कावड़ यात्रा को लेकर हो रही आलोचनाओं पर भी देवकीनंदन ठाकुर ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कावड़ियों को 'आतंकी' कहने वालों की कड़ी निंदा करते हुए सवाल किया कि क्या पहलगाम में सनातनियों की हत्या करने वालों और 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने वालों को 'साधु' कहा जाएगा? ऐसे लोग भारत और सनातन संस्कृति को बदनाम कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। मेरा मानना है कि कांवड़ लाना पुण्य का काम है। सनातन धर्म शांति और समरसता का प्रतीक है, लेकिन कुछ लोग इसे बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।

देवकीनंदन महाराज ने सनातन बोर्ड के गठन को सनातनियों के कल्याण के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह बोर्ड न केवल धर्म परिवर्तन को रोकेगा, बल्कि सनातन संस्कृति को मजबूत करने और समाज में एकता स्थापित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार को इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सनातन बोर्ड का गठन एक सकारात्मक कदम हो सकता है। यह न केवल धर्म परिवर्तन को रोकने में मदद कर सकता है, बल्कि सनातन संस्कृति की सुरक्षा और समाज में एकता को भी बढ़ावा देगा। सरकार को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

सनातन बोर्ड का क्या उद्देश्य है?
सनातन बोर्ड का उद्देश्य धर्म परिवर्तन को रोकना और सनातन संस्कृति को सशक्त बनाना है।
क्या देवकीनंदन ठाकुर का कहना है कि धर्मांतरण रुक जाएगा?
हाँ, देवकीनंदन ठाकुर का मानना है कि सनातन बोर्ड के गठन से धर्मांतरण में 90 प्रतिशत तक कमी आएगी।
फर्जी अकाउंट्स के खिलाफ क्या कदम उठाए जाने चाहिए?
देवकीनंदन ठाकुर ने फर्जी अकाउंट्स के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग की है।
कावड़ यात्रा को लेकर देवकीनंदन ठाकुर का क्या विचार है?
उन्होंने कावड़ियों को 'आतंकी' कहने वालों की निंदा की है और इसे सनातन धर्म का पुण्य कार्य बताया है।
क्या सनातन बोर्ड का गठन सांस्कृतिक एकता में मदद करेगा?
जी हाँ, देवकीनंदन ठाकुर का मानना है कि सनातन बोर्ड समाज में एकता स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।