क्या म्यूजिक जीवन को रंग, लय और भावनाओं से भर देता है? जानिए विश्व संगीत दिवस की खासियतें

सारांश
Key Takeaways
- संगीत का जादू दिलों को जोड़ता है।
- विश्व संगीत दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है।
- यह उत्सव संगीत की विविधता और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है।
- भारत में इसे विभिन्न शहरों में समारोहों के साथ मनाया जाता है।
- इस दिन का उद्देश्य लोगों को संगीत के प्रति जागरूक करना है।
नई दिल्ली, 20 जून (राष्ट्र प्रेस)। संगीत में एक अनोखा जादू है जो न केवल दिलों को जोड़ता है बल्कि आत्मा को भी शांति प्रदान करता है। यह एक ऐसी अमूल्य धरोहर है जो सीमाओं, संस्कृतियों और समय को पार कर हर व्यक्ति की भावनाओं को उजागर करती है। चाहे वह रागों की गहराई हो, लोक धुनों की सरलता हो या आधुनिक बीट्स का उत्साह, संगीत हर रूप में जीवन को रंग, लय और भावनाओं से भर देता है। विश्व संगीत दिवस (21 जून) पर संगीत से जुड़ी कुछ विशेषताओं के बारे में जानते हैं।
विश्व संगीत दिवस हर वर्ष 21 जून को मनाया जाता है, जिसे ‘फेटे डी ला म्यूजिक' के नाम से भी जाना जाता है। ‘फेटे डी ला म्यूजिक' का अर्थ है ‘संगीत उत्सव’। यह दिन संगीत की विविधता, रचनात्मकता और एकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इसकी शुरुआत 1982 में फ्रांस में हुई, जहां फ्रांसीसी संस्कृति मंत्री जैक लैंग ने इस उत्सव की नींव रखी। इसके बाद से इसे मनाने का सिलसिला शुरू हुआ।
पहला विश्व संगीत दिवस 21 जून 1982 को फ्रांस में मनाया गया। यह दिन इसलिए चुना गया क्योंकि यह ग्रीष्म संक्रांति, यानी समर सोल्स्टिस का दिन है, जो उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है और उत्सव के लिए उपयुक्त माना जाता है। 1980 के दशक के अंत तक फ्रांस में इसकी सफलता के बाद, यह उत्सव यूरोप के अन्य देशों जैसे जर्मनी, इटली और स्पेन में भी फैल गया। 1997 तक इसे विश्व संगीत दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त हुई और 100 से अधिक देशों ने इसमें भाग लेना शुरू किया।
दुनिया भर के 120 से अधिक देशों में यह दिन उत्सव के रूप में मनाया जाता है। फ्रांस, भारत, अमेरिका, ब्राजील और अफ्रीकी देशों में बड़े पैमाने पर आयोजन होते हैं। विश्व संगीत दिवस का उद्देश्य विभिन्न तरीकों से लोगों को संगीत के प्रति जागरूक करना है, ताकि उनका विश्वास संगीत से न उठे।
भारत में यह दिन विभिन्न शहरों में संगीत समारोहों, स्थानीय बैंड परफॉर्मेंस और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है। शास्त्रीय संगीत, बॉलीवुड और क्षेत्रीय संगीत की प्रस्तुतियाँ इस अवसर को और भी विशेष बनाती हैं। कई संगीत स्कूल और संगठन इस दिन विशेष कार्यशालाएँ और प्रदर्शन भी आयोजित करते हैं।
हालांकि विश्व संगीत दिवस की कोई आधिकारिक थीम नहीं होती है, लेकिन स्थानीय आयोजक अक्सर अपनी थीम चुनते हैं ताकि इस अनमोल कला को दुनिया भर में अच्छे तरीके से मनाया जा सके।