क्या देश पर विपत्ति आने पर संघ हमेशा मजबूती के साथ खड़ा रहता है? : भाजपा सांसद कालीचरण सिंह

सारांश
Key Takeaways
- आरएसएस हमेशा विपत्तियों में देश के साथ खड़ा रहा है।
- राहुल गांधी के बयान को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
- कांग्रेस का राजनीतिक प्रभाव घट रहा है।
नई दिल्ली, ११ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सराहना के संदर्भ में भाजपा सांसद कालीचरण सिंह ने कहा कि जब-जब इस देश पर विपत्ति आई है, तब संघ के सदस्य हमेशा मजबूती से खड़े रहे हैं। संघ का योगदान देश को इस स्तर तक पहुँचाने में अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने पीएम मोदी के उस लेख का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने संघ की प्रशंसा की है। भाजपा सांसद ने कहा कि पीएम मोदी ने बिल्कुल सही लिखा है। १९२५ में जब देश औपनिवेशिक शासन के अधीन था, तब आरएसएस की स्थापना की गई थी। लोग अक्सर 'आरएसएस' का नाम लेते हैं, लेकिन इसके अर्थ को समझ नहीं पाते।
आरएसएस का अर्थ उन व्यक्तियों से है जो राष्ट्र की सेवा के लिए निस्वार्थ प्रेरित हैं, और उनके सदस्यों को स्वयंसेवक कहा जाता है। स्वयंसेवक वह लोग होते हैं जो राष्ट्रीय सेवा के लिए आगे आते हैं।
उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना को अब १०० वर्ष हो चुके हैं। जब भी देश पर संकट आता है, संघ के सदस्य पहले आगे आते हैं और सेवा करते हैं।
उन्होंने बताया कि जब देश ने गुलामी से मुक्ति पाई, तब चीन और पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान संघ के कार्यकर्ताओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। संघ के सदस्यों ने अपने जीवन का बलिदान देते हुए देशहित में कार्य किया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी के मुद्दे पर उठाए गए सवालों पर उन्होंने कहा कि वे विपक्ष के नेता हैं, लेकिन देश उन्हें गंभीरता से नहीं लेता क्योंकि वे हमेशा बचकानी बातें करते हैं।
उन्होंने एक उदाहरण दिया कि किसी कस्बे की आबादी ५०० है और मतदाता ७०० हैं, तो २०० मतदाता फर्जी हैं, ऐसे फर्जी मतदाताओं को चुनाव आयोग द्वारा बाहर करना आवश्यक है। बिहार में इसी कारण एसआईआर की प्रक्रिया की जा रही है।
भाजपा सांसद ने कहा कि राहुल गांधी बिना कारण मुद्दे उठाते हैं। हाल ही में उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को अधिक वोट मिले, क्या इसे भी वोट चोरी कहा जाएगा? राहुल गांधी को यह समझना होगा कि वे जो बोलते हैं, उस पर पहले विचार करें।
उन्होंने कांग्रेस पार्टी के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि यह देश की सबसे पुरानी पार्टी कभी ४०० सीटें जीतती थी, लेकिन अब यह १०० का आंकड़ा भी पार नहीं कर पा रही है।
भाजपा सांसद ने कहा कि मैं यह शत-प्रतिशत तो नहीं कह सकता, लेकिन विपक्ष के नेता के व्यवहार से ऐसा लगता है कि विदेशी ताकतें जो भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं, उनके इशारे पर राहुल गांधी काम कर रहे हैं।