क्या सरकार महात्मा गांधी की सोच को समाप्त करना चाहती है? : राजेश राम
सारांश
Key Takeaways
- मनरेगा का नाम बदलने का विरोध
- केंद्र सरकार पर महात्मा गांधी की सोच को खत्म करने का आरोप
- कांग्रेस का जी राम जी कानून के खिलाफ विरोध
- गरीबों के अधिकारों की रक्षा का संकल्प
- राजनीतिक एकता की आवश्यकता
पटना, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस पार्टी ने रविवार को मनरेगा के नाम में बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एक मार्च में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। कहा गया कि केंद्र सरकार मनरेगा को समाप्त कर महात्मा गांधी की सोच को खत्म करने की योजना बना रही है।
बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने एक्स पोस्ट में लिखा कि कांग्रेस स्थापना दिवस पर प्रदेश कांग्रेस परिवार ने गांधी के विचारों को आत्मसात करते हुए मनरेगा की रक्षा और मजदूरों के अधिकारों की मजबूती का संकल्प लिया। सत्य, संघर्ष और सामाजिक न्याय के रास्ते पर चलकर ही मजबूत भारत का निर्माण होगा।
पटना में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में राजेश राम ने कहा कि मनरेगा की पीछे की सोच को समाप्त करके इसे बर्बाद करने की साजिश की जा रही है। केंद्र सरकार ने इसे कमजोर करने में केवल एक ही वजह है कि वे गरीबों के खिलाफ हैं। केंद्र सरकार महात्मा गांधी की सोच को समाप्त करना चाहती है। यह दुर्भावना से प्रेरित है क्योंकि मनरेगा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में शुरू किया गया था और इसका नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया था। इसलिए, भाजपा का उद्देश्य गांधी का नाम मिटाना और गरीबों के अधिकारों को कमजोर करना है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी जी राम जी कानून के खिलाफ विरोध दर्ज कराएगी। लोगों को यह बताएगी कि कैसे सरकार ने उनके रोजगार पर ताला लगाने का काम किया है।
शकील अहमद खान ने बताया कि कांग्रेस हर साल 28 दिसंबर को अपना स्थापना दिवस मनाती है। 1857 से 1947 के बीच, इन 90 वर्षों में, कांग्रेस ने भारत की आजादी के लिए अनगिनत कुर्बानियाँ दीं, चाहे वह जान की हो, जमीन की, संपत्ति की या समय की। आजादी के बाद, कांग्रेस ने देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आजादी के बाद इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे नेताओं की हत्या कर दी गई। हम ऐसे लोग हैं जो कुर्बानियों की विरासत से निकले हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में संपन्न कांग्रेस कार्यकारी समिति में भी जी राम जी कानून और मनरेगा को लेकर चर्चा हुई। कांग्रेसी नेताओं का दावा है कि 5 जनवरी 2026 से कांग्रेस पार्टी इस कानून को वापस लेने की मांग को लेकर विरोध करेगी।