क्या एसआईआर से असली वोटरों की पहचान होती है?: संतोष कुमार सुमन
सारांश
Key Takeaways
- एसआईआर से असली वोटरों की पहचान होती है।
- यह प्रक्रिया चुनाव प्रणाली को साफ करेगी।
- बिहार में इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
- पश्चिम बंगाल में भी एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है।
- घुसपैठियों को हटाने की प्रक्रिया सक्रिय है।
पटना, 17 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार सरकार में मंत्री संतोष कुमार सुमन ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर कहा कि यह प्रक्रिया निश्चित रूप से बदलाव लाएगी और यह सिस्टम को काफी हद तक साफ करेगी।
मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि एसआईआर से असली वोटरों की पहचान होती है।
पटना में उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि एसआईआर एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें चुनाव आयोग असली वोटरों की पहचान करता है और गलत वोटरों को हटाता है ताकि मतदाता सूची में सिर्फ सही वोटर ही रहें। इसे बिहार में लागू किया गया, और जनता ने इसे स्वीकार किया। शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव संपन्न हुआ। अब पश्चिम बंगाल में एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है। एसआईआर का मकसद है कि चुनाव में असली वोटर अपना वोट डाल पाएंगे और लोकतंत्र की जीत होगी।
उन्होंने कहा कि जो घुसपैठिए हैं, वे बंगाल छोड़कर जा रहे हैं। बंगाल में वैध मतदाता ही वोट डालेंगे और घुसपैठियों को जाना ही पड़ेगा।
पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग की एसआईआर ड्राफ्ट लिस्ट से 58 लाख से ज्यादा नाम हटाए जाने पर टीएमसी सांसद ने कहा कि मेरे एक पार्षद को भी मृत घोषित कर दिया गया है। एक जिंदा इंसान को मृत घोषित करना गलत है। चुनाव आयोग पूरी चीज का मजाक बना रही है। क्या बंगाल में एक भी घुसपैठिया मिला? भाजपा सिर्फ चुनाव जीतने के लिए हंगामा करती है, लेकिन यह बहुत बुरा है।
इस पर मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि टीएमसी सांसद चुनाव आयोग के समक्ष अपनी शिकायत दें। अगर गलत वोटर होंगे तो लिस्ट से नाम काटा ही जाएगा। वैध मतदाता होंगे तो वोटर लिस्ट में नाम रहेगा।
इथियोपिया द्वारा पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित करने पर मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि पीएम मोदी जहां भी जाते हैं, वे भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाते हैं। यह सम्मान हमें गर्व महसूस कराता है, क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की गरिमा बढ़ाते हैं।