क्या सपा, कांग्रेस और आरजेडी ने सनातन धर्म का अपमान किया? : नरेंद्र कश्यप

सारांश
Key Takeaways
- राजनीतिक विवाद का जन्म धार्मिक प्रतीकों के दुरुपयोग से होता है।
- जनता की भावनाएँ महत्वपूर्ण हैं, और नेताओं को इसका ध्यान रखना चाहिए।
- अहंकार की राजनीति का अंत नजदीक है।
- भगवान का दर्जा किसी राजनेता को नहीं मिल सकता।
- धार्मिक सहिष्णुता को बनाए रखना जरूरी है।
बरेली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक पोस्टर में तेजस्वी, राहुल, और अखिलेश की तस्वीरें हैं, जिन्हें ब्रह्मा, विष्णु, और महेश के अवतार के रूप में दर्शाया गया है। इस पोस्टर ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है।
उत्तर प्रदेश के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने इस तस्वीर को लेकर कहा कि यह समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, और राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं द्वारा सनातन धर्म का अपमान है। उन्होंने कहा कि ये नेता भगवान के रूप में स्वयं को प्रस्तुत कर रहे हैं।
नरेंद्र कश्यप ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "इन पार्टियों के नेता भगवान का रूप धारण करके अहंकार की चरम सीमा पर पहुंच गए हैं। मैं उनकी इस चेष्टा की निंदा करता हूं।"
उन्होंने कहा कि ये वही नेता हैं जिन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ा और अपराध और परिवारवाद को बढ़ावा दिया। ऐसे नेता जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
नरेंद्र कश्यप ने आगे कहा कि भगवान ही भगवान होते हैं और कोई भी राजनेता खुद को भगवान कहकर अपनी मूर्ति ब्रह्मा, विष्णु, या महेश के रूप में स्थापित करने का प्रयास करेगा तो ऐसा माना जाएगा कि उसका अंत नजदीक है।
उन्होंने कहा, "ऐसे नेताओं की राजनीति का अंत नजदीक है।" कोई सामान्य व्यक्ति अपने आप को भगवान नहीं मान सकता, और अगर कोई ऐसा करेगा तो समाज और देश उसे स्वीकार नहीं करेगा। ऐसा करने वालों को समापन की दिशा में आगे बढ़ना पड़ेगा।
कश्यप ने कहा कि ये नेता केवल जनता को गुमराह करते हैं, और जनता बहुत जल्दी उनका अंत करेगी। यदि इसी तरह ये नेता अपने आपको भगवान मानते रहेंगे, तो देश भी उन्हें स्वीकार नहीं करेगा। भगवान का दर्जा किसी को नहीं मिल सकता।
उन्होंने कहा कि इस पोस्ट में अत्यधिक अहंकार का प्रदर्शन किया गया है और हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने का प्रयास किया गया है। मैं उनके कार्यों की कड़ी निंदा करता हूं।