क्या ठगबंधन की बारात को दूल्हा नहीं मिल रहा है? : तरुण चुघ

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया है।
- बीजेपी के तरुण चुघ ने महागठबंधन को 'ठगबंधन' कहा है।
- बिहार की जनता इस गठबंधन को करारा जवाब देगी।
- दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर 'आप' सरकार की आलोचना की गई।
- पंजाब में पराली प्रबंधन के मुद्दे पर केजरीवाल की असफलता पर बात की गई।
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की तरफ से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलों पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने तीखा हमला किया है। उन्होंने महागठबंधन को 'ठगबंधन' बताते हुए कहा कि बिहार की जनता इस गठबंधन को उचित जवाब देगी।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं। इन ठगबंधन वालों की बारात तो बन गई, लेकिन दूल्हा अब भी ढूंढा जा रहा है। भ्रष्ट युवराजों और युवरानियों में प्रतियोगिता है कि कौन सबसे भ्रष्ट, नालायक और नौसिखिया होगा, वही जंगलराज को बढ़ावा देगा और ठगबंधन का दूल्हा बनेगा। यही ठगबंधन का मानदंड है। यह गठबंधन बिहार को लूटने के लिए अस्तित्व में आया है, लेकिन बिहार की जनता इसे सजाएं देने वाली है।
चुघ ने कहा कि पीएम मोदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के माध्यम से भारत की वीरता को उजागर किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को आश्वासन दिया है कि भारत का हर कोना विकास की रोशनी से भर जाएगा। पहली बार 'स्वदेशी दीपावली' देखने को मिली है, जिसमें 6 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हुआ, और स्वदेशी उत्पादों की बिक्री ने आर्थिक प्रगति को गति दी।
तरुण चुघ ने पीएम मोदी के 'विकसित भारत, आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहा कि 'लोकल फॉर वोकल' का संदेश हर घर और परिवार तक पहुंच रहा है।
दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर उन्होंने पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि पराली जलाने का मुद्दा उत्तर भारत में प्रदूषण का एक बड़ा कारण बना हुआ है और 'आप' सरकार ने इसके प्रबंधन के लिए ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब की 'आप' सरकार पूरी तरह से विफल रही है। अन्नदाता पराली जलाने को मजबूर हैं, क्योंकि सरकार उन्हें कोई विकल्प नहीं दे पा रही। पराली को आय का साधन बनाने के लिए किसानों को शिक्षित करने में 'आप' असफल रही है। अरविंद केजरीवाल दावा करते थे कि उनके पास पराली खत्म करने का 'घोल' है, जो जमीन को उपजाऊ बनाएगा। लेकिन केजरीवाल और भगवंत मान ने वह घोल कहां फेंक दिया? पंजाब में पराली प्रबंधन के लिए कोई ठोस काम नहीं हुआ।