क्या तिरुमला मंदिर परिसर में राजनीतिक बयान देना उचित है? वाईएसआर कांग्रेस नेता पी रवींद्रनाथ रेड्डी के खिलाफ मामला दर्ज

सारांश
Key Takeaways
- तिरुमला मंदिर परिसर में राजनीतिक बयानबाजी पर प्रतिबंध है।
- पी रवींद्रनाथ रेड्डी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
- तिरुमला तिरुपति देवस्थानम ने नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
- मंदिर की आध्यात्मिक पवित्रता को बनाए रखना आवश्यक है।
- सामाजिक व राजनीतिक विषयों पर चर्चा महत्वपूर्ण है।
तिरुपति, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। तिरुमला पुलिस ने सोमवार को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता पी रवींद्रनाथ रेड्डी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने तिरुमला मंदिर परिसर में राजनीतिक बयानबाजी की, जो कि मंदिर के नियमों का उल्लंघन है।
वाईएसआर कांग्रेस अध्यक्ष पी. रवींद्रनाथ रेड्डी ने मंदिर में दर्शन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए राजनीतिक टिप्पणी की। इसके बाद तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के सतर्कता अधिकारियों ने शिकायत दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने कार्रवाई की।
रवींद्रनाथ रेड्डी ने मीडिया से चर्चा में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की सरकार की आलोचना की। उन्होंने यह आरोप लगाया कि टीडीपी गठबंधन वाईएसआरसीपी कार्यकर्ताओं और पुलिवेंदुला के निवासियों को डराने की कोशिश कर रहा है।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में फसल उत्पादन में कमी आई है और 'सुपर सिक्स योजना' के नाम पर लोगों को धोखा दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड ने नवंबर 2024 में एक आदेश जारी किया था, जिसमें मंदिर परिसर में राजनीतिक और नफरत भरे भाषणों पर प्रतिबंध लगाया गया था। बोर्ड ने कहा कि मंदिर की आध्यात्मिक पवित्रता को बनाए रखने के लिए यह कदम आवश्यक है।
टीटीडी बोर्ड ने बताया था कि कुछ नेता मंदिर दर्शन के तुरंत बाद मीडिया से बातचीत करते हुए विवादास्पद बयान देते हैं, जिससे मंदिर की आध्यात्मिक शांति और 'गोविंदा' की भक्ति में खलल पड़ता है।
बोर्ड ने यह भी चेतावनी दी थी कि ऐसे किसी भी व्यक्ति पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी जो इस नियम का उल्लंघन करेगा।
टीटीडी अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से राजनीतिक नेताओं से अनुरोध किया है कि वे मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की राजनीतिक या भड़काऊ बयानबाजी से बचें।