क्या तुमने अपना ध्यान क्यों नहीं रखा? निर्मला सीतारमण ने पीएम मोदी के फोन का किस्सा सुनाया

सारांश
Key Takeaways
- मोदी जी की चिंता उनके सहयोगियों के प्रति अद्वितीय है।
- निर्मला सीतारमण ने मोदी जी के मानवीय पक्ष को उजागर किया।
- प्रधानमंत्री का जन्मदिन 'सेवा पखवाड़ा' के रूप में मनाया जाएगा।
- मोदी जी की नेतृत्व शैली केवल दृढ़ता से नहीं, बल्कि करुणा से भी भरी है।
- रमन सिंह ने मोदी जी के सरल व्यक्तित्व की प्रशंसा की।
नई दिल्ली, १५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का १७ सितंबर को जन्मदिन है। उनके जन्मदिन को विशेष बनाने के लिए उसी दिन 'सेवा पखवाड़ा' की शुरुआत की जाएगी। इस दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएम मोदी के सहयोग को याद किया।
निर्मला सीतारमण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन 'सेवा पखवाड़ा 2025' के एक हिस्से के रूप में मनाएंगे। मैं यह बताना चाहती हूं कि मेरे अनुभव के आधार पर, मैं प्रधानमंत्री मोदी में एक मजबूत नेता देखती हूं जो कि दयालु और करुणामय भी हैं।
उन्होंने कहा, "मैं अपने पहले बजट भाषण का दिन कभी नहीं भूलूंगी, लेकिन उन कारणों से नहीं जिनकी ज्यादातर लोग उम्मीद करते हैं। बजट भाषण के बाद जब मैं घर पहुंची, मेरा फोन बज उठा। यह प्रधानमंत्री का फोन था। उन्होंने पहले शब्द कहे, 'तुमने अपना ध्यान क्यों नहीं रखा?' इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाती, उन्होंने अपने निजी डॉक्टर को मेरे घर भेजा और सभी जरूरी जांचें करने का निर्देश दिया।"
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, "मुझे सबसे ज्यादा इस बात ने प्रभावित किया कि यह चिंता समय के साथ कम नहीं हुई। आज भी कभी-कभी वह मुझसे पूछते हैं, 'क्या तुम अपना ध्यान रख रही हो? तुम कैसी हो?' एक ऐसे व्यक्ति के लिए जो एक राष्ट्र का नेतृत्व करता है, अपने सहयोगियों की भलाई के बारे में सोचना और उनकी चिंता करना असाधारण है। लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक मजबूत, गंभीर और दृढ़निश्चयी नेता मानते हैं, लेकिन मैंने उनका एक और पक्ष भी देखा है, जो कि कोमल, विचारशील और मानवीय है। दृढ़ता और करुणा का यही मेल उन्हें अद्वितीय बनाता है।"
वहीं, छत्तीसगढ़ विधानसभा के स्पीकर रमन सिंह ने भी एक्स हैंडल पर वीडियो शेयर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ी स्मृतियों को याद कर आज भी मन प्रसन्न हो जाता है। 2003 में जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना तब मोदी मेरे शपथ ग्रहण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ आए थे। उस कार्यक्रम के दौरान मैंने मोदी के व्यक्तित्व में सरलता और संगठन के प्रति उनके अनुशासन को देखा था।