क्या उद्धव ठाकरे सत्ता के लिए बहुत उत्सुक हैं? : प्रवीण दरेकर

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क्या उद्धव ठाकरे सत्ता के लिए बहुत उत्सुक हैं? : प्रवीण दरेकर

सारांश

क्या उद्धव ठाकरे सत्ता के प्रति इतनी उत्सुकता दिखा रहे हैं? जानें प्रवीण दरेकर के विचार और मराठी राजनीति के हालिया घटनाक्रमों पर उनकी टिप्पणी।

Key Takeaways

  • उद्धव ठाकरे सत्ता के लिए उत्सुकता दिखा रहे हैं।
  • राज ठाकरे ने मराठी भाषा के महत्व पर जोर दिया।
  • भाई-भाई की राजनीतिक समीकरणों में बदलाव हो सकता है।
  • प्रवीण दरेकर का बयान राजनीति की मौजूदा स्थिति पर है।
  • भाषा और संस्कृति का सम्मान आवश्यक है।

मुंबई, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मुंबई के वर्ली में शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने शनिवार को मिलकर 'मराठी विजय रैली' का आयोजन किया। दोनों पार्टियों के प्रमुख ठाकरे बंधु लगभग 20 साल बाद एक मंच पर नजर आए हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे सत्ता के लिए अत्यधिक उत्सुक दिखते हैं।

प्रवीण दरेकर ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "मैंने (मनसे प्रमुख) राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे दोनों के भाषण सुने हैं। राज ठाकरे ने मराठी भाषा के महत्व को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। उन्होंने इसकी महानता के बारे में बताया और कहा कि इसे कैसे संरक्षित किया जाना चाहिए। लेकिन उद्धव ठाकरे स्पष्ट रूप से सत्ता के लिए बहुत उत्सुक हैं। यह वास्तव में मराठी लोगों की भलाई के बारे में नहीं है, बल्कि सत्ता पुनः प्राप्त करने की कोशिश है।"

उन्होंने यह भी कहा कि यदि दोनों भाई एक साथ आते हैं, तो इससे कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। राजनीति में भाई एक साथ आते हैं और अलग भी हो जाते हैं, पार्टियां एक साथ होती हैं और अलग भी। इसलिए इस स्थिति में कुछ भी नया या चमत्कारी नहीं है। देवेंद्र फडणवीस ने दोनों भाइयों को एक साथ लाने का प्रयास किया है, और हमें उम्मीद है कि वे मराठी और मराठी भाषा के लिए कार्य करेंगे। मेरा उनसे अनुरोध है कि वे राजनीतिक लाभ के लिए मराठी भाषा और लोगों का उपयोग न करें।

उद्धव ठाकरे द्वारा भाजपा के झंडे को बर्तन पोछने वाले कपड़े बताने पर प्रवीण दरेकर ने कहा कि उद्धव ठाकरे का स्वभाव दूसरों का अपमान करना है। राजनीति में एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी होनी चाहिए, लेकिन इतना गलत नहीं बोलना चाहिए। भाजपा ने तिरंगे का सम्मान किया है। कश्मीर में तिरंगा पहले कभी नहीं फहराया गया, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में वहां भी तिरंगा फहराया गया। देशहित में ही अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया।

मराठी न सीखने के मामले पर, मुंबई के व्यापारी सुशील केडिया के कार्यालय में मनसे कार्यकर्ताओं ने तोड़फोड़ की। इस पर प्रवीण दरेकर ने कहा कि केडिया को ऐसा बोलने की आवश्यकता नहीं थी। जिस राज्य में आप रहते हैं, उसकी भाषा की इज्जत करनी चाहिए, लेकिन अगर ऐसा नहीं किया गया तो आग्रह करना उचित है, लेकिन मारपीट करना ठीक नहीं है।

Point of View

ऐसा लगता है कि उद्धव ठाकरे का वर्तमान राजनीतिक रुख सत्ता की पुनर्प्राप्ति के लिए है, जो उनके भाषणों और कार्यों में स्पष्ट है। यह एक सामान्य राजनीतिक परिघटना है कि नेता अपने हितों के लिए भाषण देते हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि वे जनता के हितों को भी ध्यान में रखें।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

उद्धव ठाकरे का राजनीतिक रुख क्या है?
उद्धव ठाकरे का रुख सत्ता पुनः प्राप्ति के लिए है, जैसा कि भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने उल्लेख किया है।
मराठी विजय रैली का महत्व क्या है?
मराठी विजय रैली का उद्देश्य मराठी भाषी लोगों को एकजुट करना और उनकी संस्कृति को बढ़ावा देना है।