क्या उन्नाव रेप केस में दोषी कुलदीप सेंगर को जमानत मिलना उचित है?
सारांश
Key Takeaways
- कुलदीप सेंगर को जमानत मिलना एक विवादास्पद निर्णय है।
- आदित्य ठाकरे ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
- जमानत पाने के लिए कई शर्तें हैं।
- यह मामला न्याय प्रणाली पर सवाल उठाता है।
मुंबई, २५ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उन्नाव रेप केस के दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत मिलने के बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि कुलदीप की जेल की सजा निलंबित होने से पूरी दुनिया में सदमा है।
आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उन्नाव बलात्कार के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत मिलने से सभी चकित हैं। इसके अलावा, बलात्कारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के दौरान पीड़िता और उसकी मां के साथ पुलिस का दुर्व्यवहार अत्यंत निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि जहाँ दुनिया भर के लोग इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं, वहीं भारत में विरोध प्रदर्शनों को तानाशाही तरीके से दबाया जा रहा है और मंत्री इसका मजाक उड़ा रहे हैं।
शिवसेना नेता ने प्रश्न उठाया कि क्या हम इस स्थिति तक गिर गए हैं? क्या दुष्कर्म के दोषी को, जिसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए थी, जमानत दी जा सकती है? क्या यह न्याय है? क्या यह सामान्य ज्ञान है? क्या यह मानवता भी है?
उन्होंने कहा कि जब तक दोषी को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता, तब तक हम इस मुद्दे पर बोलना और विरोध करना नहीं रोक सकते।
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने २०१७ के उन्नाव रेप केस में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा पर रोक लगाते हुए उसे जमानत दे दी है। हालाँकि, पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में सजायाफ्ता होने के कारण कुलदीप सेंगर जेल से बाहर नहीं आ पाएगा।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की पीठ ने मंगलवार को अपने फैसले में कुलदीप सेंगर की सजा को उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ अपील लंबित रहने के दौरान निलंबित किया है।
पेंडिंग अपील में ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें उन्हें १७ साल की लड़की के रेप के लिए दोषी ठहराया गया था। ट्रायल कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी और २५ लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।
कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कई शर्तें लगाई हैं। जमानत के लिए कुलदीप सेंगर को १५ लाख रुपए का मुचलका भी देना होगा। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जब तक निचली अदालत के दोषी ठहराने के खिलाफ दाखिल अपील पर फैसला नहीं आ जाता, तब तक जमानत बरकरार रहेगी।