क्या वाराणसी विकास का 'मॉडल शहर' बन रहा है, प्राचीनता के साथ प्रगति भी? : हरदीप पुरी

सारांश
Key Takeaways
- 35,155 करोड़ की परियोजनाएँ पूरी हुईं।
- 125 अतिरिक्त परियोजनाओं पर कार्य जारी है।
- वाराणसी को स्मार्ट सिटी में बदलने का प्रयास।
- प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विकास कार्य।
- दिशा बैठक में सार्थक चर्चाएँ हुईं।
नई दिल्ली, 15 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को जानकारी दी कि 2014 से अब तक वाराणसी में 35,155 करोड़ की परियोजनाएं पूरी की जा चुकी हैं और साथ ही 16,338 करोड़ की 125 अतिरिक्त परियोजनाओं पर कार्य जारी है।
केंद्रीय मंत्री पुरी वाराणसी में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति दिशा की बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई।
उन्होंने बताया कि यह दिशा कमेटी की बैठक काफी समय बाद हुई है और इसमें एक उत्पादक चर्चा हुई। बैठक में सरकारी योजनाओं का रिव्यू किया गया और उनके कार्यान्वयन पर विचार-विमर्श हुआ।
उन्होंने कहा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस बैठक में सभी सहयोगियों, सांसदों और राज्य सरकार के मंत्रियों का योगदान रहा और सभी ने बेहतरीन सुझाव दिए। अगली बैठक 3-4 महीनों में आयोजित की जाएगी।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दिशा प्लेटफॉर्म के माध्यम से वाराणसी को एक स्मार्ट सिटी में बदलने पर कार्य किया जा रहा है, जो कि हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति का धरोहर है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "आशाओं, सपनों और संभावनाओं की इस धरती पर विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो रहा है।"
उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन, शहरी विकास, सांस्कृतिक विरासत आदि क्षेत्रों में लगभग 2200 करोड़ रुपए की कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वाराणसी विकास का ‘मॉडल शहर’ बन रहा है। यहाँ विकास की धारा बह रही है। देश के प्रधानमंत्री और काशी के सांसद के मंत्र पर इस पौराणिक शहर को सजाने का कार्य किया जा रहा है। यह शहर अब प्राचीन भी है और प्रगतिशील भी।
दिशा बैठक के संदर्भ में उन्होंने कहा कि यह बैठक बेहद सार्थक रही। जनहित से जुड़े विषयों पर चर्चाएं हुईं और निर्णय लिए गए। अब अगली बैठक का उत्साहपूर्वक इंतजार रहेगा ताकि विकास की इस गति को और तेज किया जा सके।