क्या विकसित भारत के लिए देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना आवश्यक है? : दिलीप जायसवाल
सारांश
Key Takeaways
- भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।
- दिलीप जायसवाल का समर्थन प्रधानमंत्री मोदी के बयान का है।
- स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करना आवश्यक है।
- विकसित भारत के लिए आर्थिक मजबूती जरूरी है।
- मनरेगा में काम के दिन बढ़ाना एक सकारात्मक कदम है।
पटना, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है। बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा नेता दिलीप जायसवाल ने शुक्रवार को उनके बयान का समर्थन किया।
दिलीप जायसवाल ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "प्रधानमंत्री ने पूरे देश को स्पष्ट संदेश दिया है, 'लोकल के लिए वोकल।' स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करके हम अपनी आर्थिक व्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं। दुनिया भारत की आर्थिक प्रगति पर नजर रख रही है, और हमारा उद्देश्य है कि अगले दो वर्षों में भारत आर्थिक शक्ति के मामले में तीसरे स्थान पर आ जाए। पहले हम ग्यारहवें या दसवें स्थान पर थे, और अब प्रधानमंत्री तीसरे स्थान पर पहुंचने की बात कर रहे हैं। विकसित भारत का सपना साकार करने के लिए एक मजबूत आर्थिक व्यवस्था की आवश्यकता है।"
उन्होंने मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत जी-राम जी' रखने पर कहा, "विपक्ष ने मनरेगा के बारे में जो बातें की हैं, उस पर भाजपा का स्पष्ट कहना है कि जो सरकार आती है, वह अपनी नीतियों को निर्धारित करती है। भाजपा ने जी-राम जी की नीति प्रस्तुत की है और काम के दिनों को 100 से बढ़ाकर 125 दिन कर दिया है। इसमें किसी को विरोध नहीं करना चाहिए।"
जायसवाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह द्वारा हिंदू धर्म को श्रेष्ठ बताने और मुस्लिम समुदाय से नदी किनारे पूजा करने एवं सूर्यनमस्कार करने की अपील पर कहा, "हमारा शरीर पंचतत्व से बना है। पंचतत्व को ही भगवान कहा जाता है। भ-भूमि, ग-गगन, व-वायु, अ-अनल, और न-नीर ही प्रकृति के पंचतत्व हैं, जिनकी पूजा करनी चाहिए। अगर मुस्लिम भाई इसकी पूजा नहीं कर सकते तो कम से कम इसका सम्मान करें। प्रकृति के प्रति उनका सम्मान आवश्यक है।"