क्या विपक्ष हमारा एजेंडा सेट करने वाला होता है?: भाजपा सांसद शशांक मणि
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा अपने एजेंडे को स्वयं निर्धारित करती है।
- अमित शाह का भाषण विपक्ष के लिए चुनौतीपूर्ण था।
- विपक्ष का वॉकआउट एक राजनीतिक रणनीति हो सकती है।
- भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत होते जा रहे हैं।
- गृह मंत्री के बयान ने सुरक्षा मामलों पर ध्यान केंद्रित किया।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद शशांक मणि ने 'चुनाव सुधार' पर चर्चा के दौरान लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण की सराहना की। इस अवसर पर, भाजपा सांसद ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के वॉकआउट की तीखी आलोचना की।
समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में शशांक मणि ने कहा, "अमित शाह ने ऐसा शक्तिशाली भाषण दिया कि विपक्ष के नेता सदन से भाग खड़े हुए।"
भाजपा सांसद ने कहा, "अमित शाह, देश के गृह मंत्री हैं और उन्हें पता है कि बीएसएफ की बाड़ कहां-कहां है। कई स्थानों पर बॉर्डर फेंसिंग का कार्य पूरा हो गया है, किंतु बंगाल में यह कार्य नहीं हो पाया क्योंकि वहां की सत्ताधारी नेता इस मुद्दे पर उचित रूप से काम नहीं कर रही हैं। गृह मंत्री ने विस्तार से बताया कि कैसे घुसपैठियों ने इलाके में अपना दबदबा बना लिया है और कैसे इन नेताओं को डर है कि अगर एसआईआर हुआ तो घुसपैठियों को हटा दिया जाएगा, जिससे उनके राजनीतिक हितों को नुकसान होगा।"
विपक्ष के सवालों पर शशांक मणि ने कहा, "हम अपना एजेंडा सेट करते हैं, चाहे वह 'विकसित भारत' हो या 'वन नेशन-वन इलेक्शन'। विपक्ष हमारा एजेंडा सेट करने वाला कौन होता है? जनता ने भाजपा-एनडीए को चुना और सरकार में भेजा है।"
अमेरिकी संसद में एक सांसद द्वारा प्रधानमंत्री मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तस्वीर दिखाने पर, भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा, "एक बड़ा देश कई देशों के साथ संबंध रखता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे संबंध अच्छे हैं। रूस के साथ हमारे संबंध बहुत पुराने, व्यापक और गहरे हैं। हम इन संबंधों को और मजबूत करते रहेंगे।"
उन्होंने कहा, "हम एक बड़ा लोकतंत्र हैं, और संयुक्त राज्य अमेरिका हमारा शुभचिंतक है। मान सकते हैं कि टैरिफ के बाद भारत और अमेरिका के बीच परिस्थितियों में बदलाव आया है, लेकिन भविष्य में कुछ समझौतों के जरिए दोनों देश मिलकर आगे बढ़ेंगे।"