क्या 'वोटर अधिकार यात्रा' को घुसपैठियों की यात्रा कहना उचित है? : उपेंद्र कुशवाहा

सारांश
Key Takeaways
- वोटर अधिकार यात्रा का बिहार की जनता पर कोई असर नहीं है।
- उपेंद्र कुशवाहा का मानना है कि यह यात्रा बुनियादी मुद्दों पर आधारित नहीं है।
- विपक्ष को अपनी रणनीतियों पर विचार करना चाहिए।
- बिहार की जनता एनडीए के साथ है।
- चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर भरोसा रखें।
पटना, 30 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का शनिवार को समापन हुआ। इस यात्रा में समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए। दूसरी ओर, इस यात्रा पर ताजगी भरे बयानों का सिलसिला भी जारी है। अब, राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने यात्रा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से बिहार की जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कुशवाहा ने कहा कि चाहे अखिलेश यादव हों या अन्य नेता, यदि ये लोग ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में शामिल हो रहे हैं तो इसका कोई महत्व नहीं है।
कुशवाहा के अनुसार, इंडी अलायंस के नेता जिन मुद्दों को लेकर ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाल रहे हैं, उसका बिहार की जनता पर कोई असर नहीं होगा। इनका मुद्दा ही बुनियादी रूप से गलत है और ऐसे मुद्दों से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। यात्रा निकालना उनका अधिकार है और वे ऐसा कर रहे हैं। हाल में कई नेता उनकी यात्रा का हिस्सा बने।
उन्होंने इंडी अलायंस को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि विपक्ष को लगता है कि वे वोट के मुद्दे को चुनाव में भुनाने की कोशिश करेंगे तो वे गलत हैं। बिहार में यह मुद्दा काम नहीं करेगा।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को लेकर जनता में कोई भ्रम नहीं है। बिहार की जनता एनडीए के साथ है।
चुनाव आयोग के नोटिस पर उन्होंने कहा कि विपक्ष को देखना चाहिए कि आयोग बहुत ही पारदर्शिता से काम कर रहा है। आयोग ने जो नोटिस दिया है, उस पर आपत्ति दर्ज कराने का समय है। आप आपत्ति दर्ज करा लीजिए। इसके बाद चुनाव आयोग देखेगा।
पीएम मोदी के खिलाफ दरभंगा में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं का स्तर कितना गिर गया है। वे जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग करते हैं, वैसी ही भाषा उनके कार्यकर्ता भी कर रहे हैं। विपक्ष चाहता है कि घुसपैठियों के नाम वोटर लिस्ट से न हटाए जाएं। लेकिन, संविधान में केवल भारतीय नागरिकों को वोट देने का अधिकार है। इसी कारण वोटर लिस्ट में केवल भारतीय शामिल रहेंगे।
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यदि उन्होंने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को घुसपैठियों की यात्रा कहा है, तो यह बिल्कुल सही है।
उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के बयान पर कहा कि यह एक स्वार्थी लोगों का गठबंधन है। इसी कारण ऐसी स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं।