क्या यासर जिलानी ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- यासर जिलानी ने कांग्रेस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया।
- देश जीएसटी कटौती से उत्सव मना रहा है।
- अखिलेश यादव के बयानों पर जिलानी की तीखी प्रतिक्रिया।
- नवरात्रि पर समय सीमा बढ़ाने का स्वागत।
- ओवैसी की न्याय यात्रा पर जिलानी का बयान।
लखनऊ, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय प्रवक्ता यासर जिलानी ने बुधवार को विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कांग्रेस को तुष्टिकरण की राजनीति का चैंपियन बताते हुए कहा कि पार्टी बौखलाहट में अनर्गल बयान दे रही है। जीएसटी कटौती से देश उत्सव मना रहा है, लेकिन विपक्ष मुद्दों से भटक रहा है।
यासर जिलानी ने मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख जीतू पटवारी के कथित तुष्टिकरण वाले बयान पर कहा, "कांग्रेस नेता और उनके तमाम लोग तुष्टिकरण की राजनीति के चैंपियन हैं। उन्होंने एक ऐसे मुद्दे को उठाया है जिसमें उन्हें लगता है कि मुसलमान वोट रोमांस की बात करेंगे। क्या यह जीतू पटवारी कह रहे हैं या राहुल गांधी का बयान है? इसका जवाब आने वाले समय में जनता देगी। बिना मतलब की अनर्गल बातें करते हैं। असली मुद्दा यह है कि पूरा देश जीएसटी कटौती से उत्सव मना रहा है, लेकिन ये लोग बौखला गए हैं।"
आजम खान की जमानत पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर जिलानी ने कहा, "मुंगेरीलाल के हसीन सपने अखिलेश यादव देख रहे हैं। न सरकार बनेगी, न मुकदमा उनके हाथ का खेल होता है। यह लीगल प्रोसीजर है। जब अपराधी पर मुकदमे बने, तो वे जेल गए। इस तरह की राजनीति अखिलेश को शोभा नहीं देती। पहले डिसाइड करें कि आजम उनके साथ होंगे या आजम उन्हें बाय-बाय करने के मूड में हैं।"
नवरात्रि पर दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता के लाउडस्पीकर समय सीमा रात १२ बजे तक बढ़ाने के फैसले का जिलानी ने स्वागत किया। उन्होंने कहा, "उत्सव का माहौल है। नवरात्रि के ९ दिनों में लोग आस्था में लीन होते हैं। समय सीमा तय करने का स्वागत है। दिल्ली के लोग समझदार हैं, वे भी स्वागत कर रहे।"
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की बिहार सीमांचल न्याय यात्रा पर जिलानी ने कहा, "ओवैसी साहब सीमांचल में कूद जाएं या केंद्रीय बिहार में या पूर्वांचल में, पहले बिहार के लोगों को बताएं कि वे किसके साथ हैं, कहां खड़े हैं। ढोल-नगाड़े बजाकर उनके नेता रिक्वेस्ट कर रहे हैं सो-कॉल्ड सेकुलर दलों से, लेकिन उनके नेता को वे स्वीकार नहीं कर रहे। असमंजस की स्थिति है। ओवैसी अपनी पार्टी में नहीं समझ पा रहे कि करें तो क्या करें।" ओवैसी की यात्रा २४ सितंबर से शुरू हो रही है, जो बिहार चुनावों के लिए है।