क्या लालू यादव ने केंद्र सरकार पर छठ पर्व को लेकर सही आरोप लगाए?
सारांश
Key Takeaways
- छठ पर्व बिहार की सांस्कृतिक पहचान है।
- लालू यादव ने रेलवे की सुविधाओं पर सवाल उठाए।
- सरकार के वादों का पूरा होना आवश्यक है।
- पलायन के मुद्दे पर डबल इंजन सरकार पर सवाल उठाए गए।
- सोशल मीडिया पर सक्रियता महत्वपूर्ण है।
पटना, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ इस शनिवार को व्रतियों के नहाय खाय से आरंभ होने वाला है। इस अवसर पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है।
उन्होंने छठ पर्व के लिए ट्रेनें ना चलाने को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार ने कहा था कि १२,००० रेलगाड़ियां छठ पर्व के अवसर पर बिहार के लिए चलाई जाएंगी, लेकिन यह भी सफेद झूठ साबित हुआ।
लालू यादव ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर लिखा, "झूठ के बेताज बादशाह और जुमलों के सरदार ने बताया था कि देश की कुल १३,१९८ ट्रेनों में से १२,००० रेलगाड़ियां छठ पर्व पर बिहार के लिए चलाई जाएंगी। यह भी सफेद झूठ निकला।"
उन्होंने आगे कहा कि २० सालों की एनडीए सरकार में पलायन का दंश झेल रहे बिहारवासियों के लिए लोक आस्था के महापर्व छठ पर भी ये लोग रेलगाड़ियां ठीक से नहीं चला सकते। मेरे बिहारवासियों को अमानवीय तरीके से ट्रेनों में यात्रा करनी पड़ रही है। कितना शर्मनाक है?
यह ज्ञात हो कि बिहार के अन्य राज्यों में निवास करने वाले लोग छठ पर्व के लिए अपने गांव लौटते हैं। लालू यादव ने आगे पलायन के मुद्दे पर डबल इंजन की सरकार को निशाने पर लेते हुए लिखा, "डबल इंजन सरकार की गलत नीतियों के कारण हर वर्ष बिहार के ४ करोड़ से अधिक लोग काम के लिए अन्य राज्यों में पलायन करते हैं। यूपीए सरकार के बाद से एनडीए सरकार ने बिहार में कोई बड़ा उद्योग स्थापित नहीं किया। ये लोग बिहार के खिलाफ हैं।"
यह उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। कोई भी दूसरे पर आरोप लगाने से नहीं चूक रहा है। इस समय लालू यादव भले चुनावी मैदान से स्वास्थ्य कारणों से दूर हैं, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर लगातार हमलावर हैं।